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उद्यानो की देखरेख में बरती जा रही कोताही

असामाजिक तत्वों का रहता है जमघट, गार्डनिंग व स्वच्छता भी भगवान भरोसे

धमतरी। शहर में वैसे ही उद्यानों की कमी है। और जो उद्यान है उनकी देखरेख भी ठीक से नहीं हो पा रही है। ऐसे में उद्यानों में लोगों की आवाजाही लगातार घटती जा रही है।
उल्लेखनीय है कि शहर में चुनिंदा गार्डन है। जिन उद्यानों को निगम द्वारा ठेकेदार को संचालित करने दिया गया है वहां की स्थिति तो ठीक है लेकिन अन्य उद्यानों की स्थिति ठीक नहीं है। शहर के लोग सुकुन पाने वाक करने झूला झुलने बच्चों को खेलाने पहले उद्यान पहुंचते थे। पहले उद्यान में परिवारिक माहौल होता था, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है। उद्यानों में असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है। वे गांजा फूंकते, नशा करते उद्यान में पड़े रहते है। कई तो उद्यानों को जुआ खेलने का अड्डा भी बना चुके है। रमसगरी उद्यान और कारगिल उद्यान में कई बार जुआरियों की महफिल सजने की भी चर्चा है। ऐसे में भला आम जनता महिलाएं बच्चों युवतियां कैसे उद्यानों में सुकुन के पल बीताने जायेंगे?
बता दे कि उद्यानों की देखरेख सही ढंग से नहीं होने के कारण उद्यानों की हरियाली प्रकृति के भरोसे है। स्वच्छता का हाल भी बुरा है। आवारा मवेशी उद्यानों में प्रवेश कर जाते है गंदगी फैलाते है पेड़ पौधो को नुकसान पहुंचाते है। यदि इसी प्रकार लापरवाही जारी रही तो अगले कुछ सालों में जनता के पैसे से बनाये गये ये उद्यान सिर्फ असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह जायेगें। रमसगरी तालाब पर बने सेंचुरी गार्डन शहर का काफी पुराना उद्यान है। जिसे निगम द्वारा विकसित किया गया इसके बाद तो उद्यान में चार चांद लग गया लोगो की भीड़ उमडऩे लगी लेकिन धीरे-धीरे अव्यवस्था के चलते लोगों का मोह उद्यान से भंग होता जा रहा है। इसी प्रकार कारगिल उद्यान को वार्डवासियों के सुविधा हेतु बनया गया था जो कि महिमासागर वार्ड में लेकिन यहां गिनती के लोग ही पहुंचते है। यहां गंजेडियों का डेरा भी लगता है। निगम के सामने स्थित गार्डन पहली फुव्हौरे के पानी में रंगबिरंग मछलियों के कारण मछली गार्डन के नाम से भी जाना जाता था। यहां बच्चों बुजुर्गो सहित सभी वर्ग के लोग पहुचते थे। पहले यहां के गार्डनिंग की भी पं्रंशसा होती थी। लेकिन अब इस उद्यान से भी मोह घटता जा रहा है। जिला अस्पताल के पास स्थित नेहरु गार्डन में कुछ साल पहले टुटे फूटे झूलों को बदला गया था उद्यान का उन्नयन भी किया गया लेकिन इसके बाद भी उद्यान में रौनक नहीं लौट पाई।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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