रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ कृषि भवन की रखी आधारशिला…
सेक्टर 19 में 49 करोड़ 50 लाख की लागत से 3.14 एकड़ में बनेगा सर्वसुविधायुक्त कृषि भवन
कृषि भवन में कृषि से संबंधित समस्त विभागों कृषि, कृषि अभियांत्रिकी, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, जल ग्रहण प्रबंधन, पशुधन विकास, मछली पालन के संचालनालय होंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नवा रायपुर के सेक्टर 19 में 49 करोड़ 50 लाख की लागत से 3.14 एकड़ में बनने वाले नए छत्तीसगढ़ कृषि भवन का भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री ने विधिवत पूजा-अर्चना कर नए कृषि भवन की आधारशिला रखी और धरती मां से प्रदेश के धन-धान्य से समृद्ध होने और किसानों के खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ कृषि भवन के लिए चिन्हित परिसर में स्वर्ण चम्पा के पौधे का रोपण भी किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों से नए कृषि भवन के निर्माण से जुड़ी जानकारी ली और इसके बनने से किसानों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जाना। उन्होंने नये भवन के लिए सभी विभागीय अधिकारियों को बधाई दी।
कार्यक्रम में कृषि विकास एवं किसान कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी मंत्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रबंध संचालक गोधन न्याय मिशन डॉ. फकीर अयाज तम्बोली, पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी, संचालक कृषि एवं पशुधन श्रीमती चंदन त्रिपाठी, उप सचिव श्रीमती तूलिका प्रजापति सहित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि पांच मंजिला छत्तीसगढ़ कृषि भवन’ का निर्माण नवा रायपुर के सेक्टर-19 में 3.14 एकड़ में किया जाएगा।
कृषि भवन में कृषि से संबंधित समस्त विभाग-कृषि संचालनालय, कृषि अभियांत्रिकी, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, जल ग्रहण प्रबंधन, पशुधन विकास, मछली पालन के संचालनालय होंगे। भवन में कृषि मंत्री एवं कृषि उत्पादन आयुक्त का कार्यालय भी स्थापित होगा।
एकीकृत कृषि भवन के निर्माण से विभाग की सहयोगी संस्थाओं के बीच आपसी सांमजस्य में वृद्धि होगी, जिससे कृषि विकास के कार्यों में गति आयेगी तथा राज्य भर से आने वाले कृषकों की समस्याओं का निपटारा एक ही छत के नीचे संभव हो सकेगा।
भविष्य में कृषि भवन को कृषि क्षेत्र के विकास हेतु एक ‘समन्वित संसाधन केन्द्र’ के रूप में विकसित किया जाएगा।