आवारा कुत्तों का बढ़ता जा रहा आतंक, रोजाना हो रही डाग बाइट की घटनायें
दो दिन पूर्व ही 7-8 बच्चों पर आवारा कुत्तों ने हमला कर किया था घायल
न नसबंदी हो रही न बन रहा डाग हाउस इसलिए बढ़ती जा रही कुत्तों की संख्या व खतरा
धमतरी । शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। संख्या बढऩे के साथ ही इनसे खतरा भी बढ़ता जा रहा है। रोजाना शहर में डाग बाइट की कई घटनायें हो रही है। इसलिए अब लोग आवारा कुत्तों के खतरे को कम करने निगम से ठोस पहल की मांग कर रहे है।
बता दे कि सालों पहले निगम द्वारा आवारा कुत्तों की नसबंदी करवाई गई थी। इस दौरान भी सभी आवारा कुत्तों की नसबंदी नहीं हो पाई थी। ऐसे में साल दर साल बाकी बचे कुत्तो की नसबंदी करवाई जाती तो शायद आवारा कुत्तों के बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाया जा सकता था। लेकिन ऐसे नहीं हो पाया आज तक निगम पुन: कुत्तों की नसबंदी नहीं करा पाई है। नतीजन साल दर साल आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि हो रही है। जो कि अब आम जनता के लिए खतरा बन रही है। दो दिन पूर्व ही शहर के रामपुर वार्ड व विंध्यवासिनी वार्ड में आवारा कुत्तों द्वारा 7-8 स्कूली बच्चों को अपना शिकार बनाया गया इससे बच्चे लहुलुहान हो गये। बच्चों का अस्पताल में उपचार जारी है। यह कोई नई घटना नहीं है ऐसी कई घनाटएँ पहले भी हो चुकी है। जिला अस्पताल में रोजाना 3-4 डाग बाइट के मामले पहुंचते है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आवारा कुत्तों से खतरा कितना बढ़ गया है। नसबंदी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है वहीं डाग हाउस बनाने की योजना भी ठण्डे बस्ते से बाहर नहीं आ पा रही है। ऐसे में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और खतरे से कैसे राहत मिलेगी यह एक बड़ा सवाल है?
रात में हो जाते है खूंखार
दिन में तो आवारा कुत्तों से खतरा कम ही होता है लेकिन रात में कुत्तों का आतंक होता है। देर रात कुत्ते बाइक, कार के पीछे दौडऩे लगते है। यदि रुक जाये तो हमला भी कर देते है। रात में कुत्ते झुंड में रहते है और खूंखार हो जाते है। आते-जाते लोगों को घेर कर हमला करने का प्रयास करते है। खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्ग इनका शिकार बनते है। शहर के लगभग सभी वार्डो में आवारा कुत्तों का आतंक है। लेकिन इतवारी बाजार, सांई मंदिर, जिला अस्पताल के पीछे, आमातालाब रोड, लालबगीचा, विवेकानंद वार्ड, रामपुर वार्ड सहित कुछ क्षेत्रो में इनका खतरा ज्यादा बढ़ गया है।