बदहाल ड्रेनेज सिस्टम: बारिश के चौमासे में डूब रहा शहर
दशकों पुराना ड्रेनेज सिस्टम हो चुका है बदहाल, सिर्फ नालियों की सफाई से नही सुधरेगी व्यवस्था
धमतरी। बारिश के चौमासे में लोग फिर बदहाल ड्रेनेज सिस्टम से परेशान है। हर साल की तरह इस साल भी शहर बारिश से डूब रहा है। क्योंकि निगम द्वारा नालियों की सफाई से शहर के ड्रेनेज सिस्टम में सुधार का प्रयास कर रही है। जो कि हर साल फेल होता रहा है।
ज्ञात हो कि धमतरी शहर की बसाहट घनी है दशकों पहले बनाया गया ड्रेनेज सिस्टम कई सालों बदहाल है। शहर पहले बारिश के मौसम लबालब नहीं होता था लेकिन जैसे-जैसे शहर में आबादी बढ़ी कंट्रक्शन द्वारा ड्रेनेज सिस्टम बिगड़ता गया पिछले कई वर्षो से स्थिति ऐसी है कि थोड़ी देर की भी बारिश से शहर के कई वार्ड जलमग्न हो जाते है। कई प्रमुख मार्गो पर घुटने तक पानी भर जाता है। इस साल भी ऐसी ही बनी हुई है। ऐसे में निगम द्वारा बारिश के पूर्व नाली बड़े नालों की सफाई करवाई गई थी। ताकि बरसाती पानी की निकासी बेहतर हो सके। लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ है। दरअसल हर साल बारिश पूर्व वृहद सफाई करवाई जाती है। लेकिन पहली ही बारिश में बेहतर निकासी के दावों की पोल खुल जाती है। शहर के देवश्री टाकीज रोड विमल टाकीज रोड आमापारा, स्टेशनपारा जालमपुर, रत्नाबांधा, मुजगहन, स्टेशनपारा, गोकुलपुर, बठेना, सहित अन्य क्षेत्र है जहां जलभराव की समस्या आती है।
वृहद योजना पर कार्य कर रही निगम
बता दे कि बदहाल ड्रेनेज सिस्टम में सुधार की प्रक्रिया काफी जटिल है। इसके लिए पूर्व में व्यापक मास्टर प्लान सर्वे कर बनवाया गया था लेकिन इसे एक साथ धरातल पर लाना फिलहाल संभव प्रतीत नहीं होता। इसलिए निगम द्वारा स्टेप बाईप स्टेप कार्य किया जा रहा है। महापौर विजय देवांगन पहले भी स्पष्ट कर चुके है कि ड्रेनेज सिस्टम में सुधार में समय लगेगा। निगम द्वारा वर्तमान में कराये जा रहे सड़क नाली निर्माण कार्य प्लान के अनुसार ड्रेनेज सिस्टम में सुधार को ध्यान में रखते हुए करवाया जा रहा है। ताकि धीरे-धीरे ही सही निकासी व्यवस्था बेहतर हो सकें।
सालों से बन रहा करोड़ो का प्रस्ताव
बता दे कि नगर पालिका कार्यकाल से नगर निगम तक हर बार निकाय बजट में शहर के ड्रेनेज सिस्टम में सुधार हेतु राशि का प्रावधान किया जा रहा है। राशि साल दर साल बढ़ता गया लेकिन धरातल पर काम नहीं हो पाया। आज तक सरकार से विशेषकर ड्रेनेज सिस्टम के लिए बड़ा बजट नहीं मिल पाया है। ऐसे में छुटपुट नाली, सड़क निर्माण कर सफाई करवा कर पंप से पानी खिंचवा कर तोड़ फोड़कर निकासी रास्ता बनाकर काम चलाऊ काम चलता रहा है।