कनाडा में हिन्दुओं ने बढ़ाई ट्रूडो की मुश्किलें, इस खालिस्तानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग; 2.3% वोट की चिंता…
कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार अब एक नई मुसीबत में फंसती दिख रही है।
वहां बसे हिन्दू समुदाय ने पत्र लिखकर खालिस्तान समर्थक आतंकी और सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत पन्नू के खिलाफ जांच करने का आग्रह किया है, जिसने हाल ही में भारतीय मूल के हिंदू कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर वीडियो जारी किया था और दो समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा दिया था।
हिंदू फोरम कनाडा की ओर से कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर को लिखे एक पत्र में, टोरंटो स्थित कानूनी फर्म ब्रूटी थॉर्निंग ने कहा, “ऐसा हो सकता है कि अगर पन्नू उस समय कनाडा में था, जब उसने वीडियो बनाया था, तो उसकी उचित जांच की जा सकती है और उस पर सार्वजनिक रूप से लोगों को उकसाने या जानबूझकर नफरत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा सकता है।”
हिन्दू फोरम ने पन्नू पर कार्रवाई की मांग करते हुए मंगलवार को भेजे अपने पत्र में कहा है, “पन्नू की हालिया टिप्पणियों ने न केवल हिंदू समुदाय के भीतर बल्कि बड़े पैमाने पर कनाडाई नागरिकों के बीच भी संकट और आघात पैदा किया है।
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से एक घृणित वीडियो के वितरण ने इन चिंताओं को और बढ़ा दिया है। यह स्थिति बेहद परेशान करने वाली है। कनाडा को अपनी सीमाओं के भीतर एक विशिष्ट समूह के खिलाफ हिंसा भड़काने को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।”
हिन्दू फोरम ने लिखा है कि गुरपतवंत पन्नू के वीडियो बयान से उनके बच्चे सहमे हुए हैं। पन्नू ने पिछले दिनों एक बयान जारी कर कहा था कि हिन्दू समुदाय कनाडा छोड़ दें।
इससे पहले भी वह कई भड़काऊ बयान दे चुका है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की कथित संलिप्तता के आरोपों के बाद पन्नू ने ताजा वीडियो बयान जारी किया था। निज्जर की हत्या 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के पार्किंग में गोली मारकर कर दी गई थी।
वायरल हो रहे एक वीडियो में पन्नू ने कहा, “भारतीय-हिंदू कनाडा छोड़ो, भारत जाओ।” इस वीडियो में पन्नू ने कहा, “आपलोग न केवल भारत का समर्थन करते हैं, बल्कि आप खालिस्तान समर्थक सिखों के भाषण और अभिव्यक्ति के दमन का भी समर्थन कर रहे हैं।” इसके साथ ही पन्नू ने आरोप लगाया कि हिन्दू समुदाय निज्जर की ‘हत्या’ का जश्न मनाकर हिंसा को भी बढ़ावा दे रहा है। बता दें कि कनाडा में जहां 2.1 फीसदी सिख हैं, तो वहीं 2,3 फीसदी हिन्दू हैं।