हमास के खिलाफ आर-पार के मूड में इजरायल! नेतन्याहू ने बना दी ‘वॉर कैबिनेट’; जानें क्या है…
हमास आतंकियों के हमले के बाद इजरायल के पलटवार को देखकर लगता है कि उसने गाजा की लड़ाई को आरपास तक पहुंचाने के फैसला कर लिया है।
गाजा में जरूरी चीजों की सप्लाई पूरी तरह ठप है। वहीं लगातार रॉकेट बरसाए जा रहे हैं। हमास भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
उसने बुधवार को इजरायल के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर रॉकेट दाग दिया। इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वॉर कैबिनेट बनाने का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि युद्ध के समय सामरिक गतिविधियों को सरल बनाने और तत्काल मंजूरी देने के लिए इस तरह की स्पेशल कैबिनेट बनाई जाती है।
इस कैबिनेट में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, विपक्ष के नेताबेनी गान्त्ज और सेना प्रमुख शामिल होंगे। नेतन्याहू ने विपक्ष के नेता के साथ बातचीत के बाद ही वॉर कैबिनेट बनाने का फैसला किया है।
वहीं विपक्षी नेता ने कहा कि युद्ध के समय में हम सब एक साथ हैं। बता दें कि इजरायल में अब तक 1500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
बता दें कि 1500 से ज्यादा हमास आतंकी इजराय के अंदर घुस आए थे और जमकर कत्लेआम मचाया था। वहीं गाजा से इजरायल पर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे गए।
क्या है वॉर कैबिनेट
यह वॉर कैबिनेट एक कमेटी है जो कि युद्ध के समय में बनाई जाती है। आम तौर पर इसमें प्रधानमंत्री, कैबिनेट के कुछ मंत्री और सैन्य अधिकारी होते हैं। हालांकि इस बार विपक्ष के नेता को जगह दी गई है।
नेतन्याहू ने तीन सदस्यीय वॉर कैबिनेट बनाई है। इस कैबिनेट का फायदा यह भी है कि देश के अंदर राजनीतिक दलों में होने वाली तूतू मैंमैं शांत रहेगी।
इस कैबिनेट में विपक्षी नेता को भी शामिल किया गया है। विपक्ष के नेता को मिनिस्टर विद नो पोर्टफोलिया को दर्जा दिया जाएगा।
वहीं युद्ध के समय में जिन पदों पर जो है वह बना रहेगा। जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है उनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाएगा।
इजरायल में न्यायिक व्यवस्था को लेकर जो आंतरिक जंग चल रही थी उसपर भी विराम लगा दिया गया है। सरकार ने अपने फैसले को रोकने की बात कही है।
बता दें कि न्यायपालिका को लेकर बदलाव किए जाने पर लोग सड़कों पर उतरआए थे। बता दें कि वॉर कैबिनेट का कॉन्सेप्ट बहुत पुराना है।
चर्चिल ने भी वॉर कैबिनेट बनाई थी। बताया जाता है कि एयर अटैक के दौरान वॉर कैबिनेट की बैठक बेसमेंट में हुआ करती थी।
जब ब्रिटेन ने जर्मनी पर हमला करने का ऐलान किया तो उससे एक सप्ताह पहले से ही वॉर कैबिनेट ने अपना काम शुरू कर दिया था।