छत्तीसगढ़

रायपुर : छह माह में 1.26 प्रतिशत कम हुआ कुपोषण, कलेक्टर डाॅ. भुरे ने की समीक्षा

आंगनबाड़ियों को नियमित और समय पर खोलने के निर्देंश

सभी गर्भवती महिलाओं को मिले गरम भोजन

रायपुर जिले में पिछले छह माह में ही कुपोषण में 1.26 प्रतिशत की कमी आई है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे के मार्गदर्शन में कुपोषण मिटाने के लिए चलाये जा रहे अभियानों के लिए यह एक अच्छी खबर है। रायपुर जिले में पिछले दिसम्बर माह में कुपोषण का प्रतिशत 12.18 था जो कि मई माह के अंत में 10.92 प्रतिशत तक गिर गया है। पिछली छहमाही में जिले में मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या में 991 की गिरावट आई है वहीं 216 गंभीर कुपोषित बच्चें भी कम हुए है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने आज जिले में संचालित महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना और गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी विकासखण्डों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों को नियमित समय पर खोलने और बच्चों के लिए गुणवत्ता पूर्ण पोषक और स्वादिष्ट भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देंश दिए। डाॅ. भुरे ने कुपोषण को और कम करने के लिए बच्चों के पालकों को अधिक से अधिक जानकारी देने, खान-पान के प्रति जागरूक बनाने और गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए भी कहा। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अबिनाश मिश्रा, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी, सहायक कलेक्टर श्री जयंत नहटा, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती निशा मिश्रा सभी परियोजना अधिकारी भी शामिल हुए।

गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए पालकों को जागरूक करने ’दुलार अभियान’- जिले में गंभीर और मध्यम कुपोषित छोटे बच्चों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए पालकों का जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। दुलार अभियान के नाम से संचालित इस कार्यक्रम में दूसरे और चैथे मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और मैदानी अमला दुलार दिवस का आयोजन करता है। इस आयोजन में गांव के चिन्हांकित कुपोषित बच्चों के पालकों को बुलाकर उन्हें पोषण आहार और अन्य दूसरी जरूरी जानकारियां दी जाती है। कुपोषित बच्चों के लिए रेडी-टू-ईट पोषक आहार से बनाए जा सकने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों की जानकारी और विधि, पोषक आहार महत्व, साफ-सफाई और हाईजिन के फायदे भी इस दिन पालकों को बताये जाते है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दुलार दिवस के दिन बच्चों का वजन भी लिया जाता है। छह माह के बच्चों को अन्नप्रासन संस्कार और बालभोज का आयोजन भी इस दिन केन्द्रों पर होता है। इसके साथ ही पोषक आहार और व्यंजनों की प्रदर्शनी भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी इस दिन लगाई जाती है। जिले में अभी तक इस अभियान के अच्छ्रे परिणाम मिले है। दुलार अभियान से अब तक छह माह से 3 वर्ष तक के 4 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों को फायदा हुआ है।

बैठक में कलेक्टर डाॅ. भुरे ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का एएनसी चेकअप, पंजीयन और उनका हीमोग्लोबिन टेस्ट कराने तथा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्म भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रत्येक आंगनबाड़ी भवन में बिजली, पंखे, पानी, शौचालय सहित मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देंश भी कलेक्टर ने बैठक में दिए। उन्होंने जिले में कुपोषण दर में कमी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को सतत मॉनिटरिंग के साथ-साथ मेहनत और लगन से कार्य करने को कहा। बैठक में कलेक्टर ने नोनी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, पोषण पुनर्वास केन्द्रों से लाभान्वित बच्चों की भी जानकारी ली।

News Desk

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