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भगवान हमारे अंदर बसे है और हम बाहर ढूंढते है – लयस्मिता श्री जी म.सा.

सामायिक हमे सभी जीवों के प्रति करुणा और दया का भाव रखने की प्रेरणा देता है - भव्योदया श्री जी म.सा.

धमतरी। श्री पाश्र्वनाथ जिनालय मे परम पूज्य लयस्मिता श्री जी म.सा. ने प्रवचन के माध्यम से बताया कि शरीर को मजबूत बनाने के लिए ठंड का मौसम अच्छा माना जाता है। गर्मी के मौसम को व्यापार की दृष्टि से अच्छा सीजन माना जाता है उसी प्रकार बरसात के मौसम को आराधना – साधना और तप-त्याग की धृष्टि से अच्छा माना जाता है। जिस प्रकार पानी के अभाव में प्यासा व्यक्ति तड़पने लगता है उसी प्रकार जिनवाणी के अभाव में साधक तड़पने लगता है। भगवान ने फरमाया की मानव जीवन दुर्लभ है भले ही देवताओं के पास साधन, संपत्ति और शक्ति अधिक होती है किंतु आत्मकल्याण की क्षमता मानव में होती है देवताओं में नही। भगवान हमारे अंदर बसे है और हम बाहर ढूंढते है। हमे अपने अंदर खोजने का प्रयास करना है। यह आगम वाणी हमे यही सिखाता है की हमे स्वयं को जानना और समझना है। इस चातुर्मास में अपने अंदर की यात्रा करनी है, और अपने अंदर की यात्रा कैसे करना है ये आगमवानी के माध्यम से हमे समझना है। हममें जिनवाणी सुनने की पात्रता तो है बस उसे प्रगट करने की जरूरत है। वास्तव में हम जैसा दिखते है वैसे है नही। और जैसे है वैसा दिखते नही। यह आगमवाणी एक दर्पण के समान है जो हमे हमारी वास्तविकता बताता है । जम्बूस्वामी सुधर्मास्वामी से प्रार्थना करते है की मैंने परमात्मा की वाणी छठवें सूत्र तक श्रवण कर लिया है कृपया मुझे सातवें सूत्र का श्रवण करने की कृपा करे। यही सातवा सूत्र उपासक दशांग सूत्र है। हमे दुनिया भर की बाते याद रहती है किंतु परमात्मा की वाणी याद नही रहती। हम घर दुकान का कचरा साफ करने प्रतिदिन झाड़ू पोछा करते है अब हमे अपने अंदर का कचरा निकालने के लिए प्रतिदिन प्रतिक्रमण करना है।
परम पूज्य भव्योदया श्री जी म.सा. ने अपने प्रवचन में कहा कि हम सामायिक करनेके पहले तीन प्रकार की शुद्धि का ध्यान रखना चाहिए। पहला वातावरण शुद्धि। दूसरा वस्त्र शुद्धि। तीसरा उपकरण शुद्धि। पांचवें नंबर की सामायिक है संक्षेप। संक्षेप का अर्थ होता है थोड़े में महान अर्थ को जानने वाला। यह सामायिक राजगृह नगरी में बसंतपुर नगर के राजा जितशत्रु ने की थी। सामायिक हमे यही प्रेरणा देती है की हमे सभी जीवों के प्रति करुणा और दया का भाव रखना चाहिए। आज के प्रवचन में लूणकरण गोलछा, जीवनलाल लोढ़ा, भंवरलाल बैद पारसमल गोलछा, मोहनलाल गोलछा, मोतीलाल चोपड़ा, निलेश पारख, शिशिर सेठिया, कुशल चोपड़ा, श्रीमति किरण सेठिया, श्रीमती किरण की गोलछा, श्रीमती राजकुमारी पारख, श्रीमती दीपिका गोलछा, श्रीमती संगीता गोलछा, श्रीमती सरिता लूनिया सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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