गायत्री शक्तिपीठ धमतरी के स्थापना दिवस पर परिजनों ने साझा किये अनुभव
गायत्री शक्तिपीठ धमतरी का स्थापना दिवस वेदमूर्ति तपोनिष्ट पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा मां गायत्री की प्राण प्रतिष्ठा स्थापित सन 24 दिसंबर 1981 को किया गया था । जिसके भव्य उत्सव पर गायत्री परिजनों ने अपना अपना अनुभव साझा किया । सर्वप्रथम वरिष्ठ कार्यकर्ता राजकुमार साहू द्वारा संचालन किया गया। पुरुषोत्तम निर्मलकर ट्रस्टी ने गुरुदेव के आगमन पर विवरण दिया । सहायक ट्रस्टी चेतन साहू ने अपना अनुभव हम सबको प्रदान किया । तत्पश्चा श्रीमती अंजना रणसिंग ने अपना अनुभव शेयर किया । नेत राम सिन्हा ट्रस्टी ने अपना सुखद साक्षात आंखों देखा हाल हम सबको बताया। प्रथम परिवाजक घनश्याम ठाकुर ने गुरुदेव मां गायत्री के मूर्ति पर प्राण प्रतिष्ठा शक्ति प्रदान कैसे किया इनका विवरण दिया । जिला समन्वयक दिलीप नाग ने अपना जानकारी दिया। इनके बाद गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी श्रीमती खिलेश्वरी किरण जो शांतिकुंज हरिद्वार में देवकन्या के रूप में रही गुरुदेव श्री राम शर्मा आचार्य के सानिध्य में रहकर शक्ति स्वरूपा माता भगवती देवी शर्मा का अपने शिष्यों के प्रति प्रेम भाव को आंखों देखा हाल सुनाया । कार्यक्रम ध्यान साधना से प्रारंभ हुआ दीप यज्ञ के बाद स्वाध्याय किया गया । गायत्री मंत्र सर्वोपरि मंत्र है । इससे बड़ा और कोई मंत्र नहीं । जो काम संसार के किसी अन्य मंत्र से हो सकता है , वह निश्चित रूप से गायत्री द्वारा हो सकता है । इसी प्रकार तांत्रिक जो कार्य तंत्र – प्रणाली से किसी मंत्र के आधार पर करते हैं , वह सब भी गायत्री द्वारा किए जा सकते हैं । यह एक प्रचंड शक्ति है , जिसे जिधर भी लगा दिया जाएगा , उधर ही चमत्कारी सफलता मिलेगी । यह जानकारी प्रांतीय युवा प्रकोष्ट कौशल प्रसाद साहू ने दिया ।