भारी बारिश के बाद उत्तराखंड में आपदा जैसे हालात, नदियों के उफान पर गंगा-यमुना घाटी में भारी तबाही…
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश मुसीबत बनती जा रही है।
भारी बारिश ने गंगा और यमुना घाटी में जमकर तबाही मचाई है। चिंता की बता है मूसलाधार बारिश की वजह से नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच गईं हैं।
भारी बारिश की वजह से उत्तरकाशी जिले में मकानें और दुकानों को नुकसान हुआ है।
बरसात की वजह से बिजली लाइनें टूटने से कई गांव में अंधेरा छा गया है। पर्वतीय जिलों में लगातार हो रही बरसात की वजह से भूस्खलन की वजह से कई नेशनल हाईवे और सड़कें भी बंद हो गईं हैं।
उत्तरकाशी जिले में हुई भारी बारिश ने गंगा और यमुना घाटी में भारी तबाही मचा दी। बारिश से 50 से अधिक मकान, 15 दुकानों के साथ ही स्कूल हॉस्टल और अस्पताल भी क्षतिग्रस्त हो गए।
हालांकि बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के बावजूद कोई जनहानि नहीं हुई है। शुक्रवार देर रात उत्तरकाशी जिले के पुरोला, बड़कोट और डुंडा तहसील में भारी बारिश हुई।
इससे पुरोला की कमल नदी, छाड़ा खड्ड और रेतड़ी खड़ड के साथ ही डुंडा ब्लॉक में धनमता नदी, निगरी गाड व अन्य कई गाड़ गदेरे उफान पर आ गए। इस वजह से तीनों तहसीलों के कई गांवों में भारी तबाही हुई।
बारिश की वजह से पूरे जिले में 50 आवासीय भवनों में मलबा घुस गया और कई भवन आशंकि रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।
पुरोला के छाड़ा खड़ में पानी उफान पर आने से एक कार व मोटर साइकिल भी बह गई और 15 व्यावसायिक व आठ आवासीय भवनों को क्षति पहुंची है। वहीं, बड़कोट के गंगनानी में 19 घरों व चार दुकानों में मलबा आने से नुकसान पहुंचा है।
पूरे जिले में काश्तकारों की 400 नाली से अधिक भूमि बाढ़ की चपेट में आ गई। जिसमें से अकेले पुरोला तहसील में 100 नाली से अधिक भूमि बह गई है।
बारिश से उत्तरकाशी में 50 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि चार मोटर व पैदल पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। बारिश की वजह से धौंतरी के प्राथमिक अस्पताल की दीवार ढह गई जिससे अस्पताल को भी खतरा पैदा हो गया है।
कस्तूरबा गांधी आवासीय हॉस्टल में अफरा-तफरी
बड़कोट में भारी बारिश से कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका हॉस्टल में मलबा घुस गया। जिससे यहां रह रही छात्राओं में अफरा तफरी मच गई।
पानी बढ़ने की वजह से छात्राओं ने परिजनों को फोन किए, जिस पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। हास्टल में फंसी लगभग 150 छात्राओं को बाहर निकाल कर एक अन्य हास्टल में शिफ्ट किया गया।
हास्टल के वार्डन का कहना है कि बारिश का पानी व मलबा कई कमरों में घुस गया था।
जिले में बारिश से भारी नुकसान हुआ है। पुरोला, बड़कोट व डुंडा के धौंतरी व धनारी क्षेत्र में कई आवासीय भवनों के साथ ही कृषि भूमि को खासा नुकसान पहुंचा है।
नुकसान का आंकलन प्रशासन की ओर से कराया जा रहा है। आपदा से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जा रहा है।
अभिषेक रूहेला, डीएम उत्तरकाशी
भारी बारिश से पुरोला घाटी में 13 घंटें से बिजली ठप
भारी बारिश के चलते राम सिराईं और कमल सिराईं पट्टी में 21 बिजली के खंभे भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे पुरोला के साथ ही 45 से ज्यादा गांवों की बिजली आपूर्ति 13 घंटें तक ठप रही है। शुक्रवार रात से क्षेत्र में बारिश होने लगी थी।
रात 12 बजे अचानक भारी बारिश के बाद पूरी घाटी में बिजली आपूर्ति ठप होने से इलाके में अंधेरा छा गया। जगह-जगह भूस्खलन से 21 से ज्यादा बिजली के खंभे गिर गए जबकि कई स्थानों में बिजली की तारें झूलने लगी। पुरोला के कोर्ट रोड पर दो बिजली के खंभे धाराशाही हो गए थे, जिन्हें दुरस्त करने के बाद शनिवार दोपहर एक बजे कस्बे में आपूर्ति बहाल हो पाई।
जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बिजली गुल है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। इसके अलावा गुंदियाट, पोटा, मेराणा, रतेड़ी आदि स्थानों पर बिजली के खंभे गिरे हैं।
ऊर्जा निगम के जेई नरेंद्र राणा ने बताया कि अतिवृष्टि से 21 से ज्यादा खंभे गिरने की सूचना है, जिनकी मरम्मत की जा रही है। इससे कई इलाकों में सुबह पानी की भी आपूर्ति ठप रही।
पेयजल लाइनें भी टूटी
बारिश में कुरूड़ा-छाड़ा, कुफारा-पुरोला और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल लाइनें भी ध्वस्त हो गई। सामाजिक कार्यकर्ता राजपाल पंवार, नवीन गैरोला, ओमप्रकाश, विजेंद्र नेगी आदि ने जिला प्रशासन से क्षेत्र की बिजली और पेयजल आपूर्ति जल्द बहाल करने की मांग की है।
यमुनोत्री हाईवे बंद, केदारनाथ हाईवे पांच घंटें बाद खुला
उत्तराखंड में शनिवार को भारी बारिश से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ और पिथौरागढ़-टनकपुर हाईवे जगह-जगह बंद हो गए। इस वजह से सैकड़ों वाहन फंस गए और हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
यमुनोत्री हाईवे को छोड़कर अन्य सभी हाईवे पर आवाजाही शुरू हो चुकी है।
केदारनाथ और पिथौरागढ़-टनकपुर हाईवे कई जगह पर करीब पांच- पांच घंटे बंद रहे, जबकि बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में करीब पूर्वाह्न करीब एक घंटे बाधित रहा। वहीं सुबह आठ बजे के लगभग वेनाकुली व कंचनगंगा के पास भी बदरीनाथ मार्ग लगभग एक घंटें बंद रहा।
कुमाऊं मंडल में 30 से ज्यादा सड़कें बंद
मलबा आने के कारण पहाड़ और मैदान को जोड़ने वाला पिथौरागढ़-टनकपुर हाईवे जगह-जगह बंद हो गया। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे पर भी लगातार बोल्डर गिरने से खतरा बना हुआ है।
दोगांव में मलबा आने के कारण शनिवार सुबह करीब तीन घंटे हल्द्वानी-नैनीताल हाईवे भी बाधित रहा।
उधर, पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे बंद होने के कारण भारत-चीन सीमा के गांवों का भी जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। हालांकि दिन में छोटे वाहनों के लिए हाईवे खुल चुका है। कुमाऊं मंडल में बारिश से 30 से ज्यादा सड़कें अवरुद्ध हैं।