अगर आज सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया चंद्रयान-3, ISRO के पास तैयार हैं कई प्लान…
चंद्रयान मिशन को लेकर ISRO पूरी तरह से आश्वस्त है।
ISRO चीफ ने यहां तक कहा है कि सॉफ्ट लैंडिंग फेल होने का कोई चांस नहीं है। दरअसल चंद्रयान-2 के फेल होने के बाद ISRO उन सारी कमियों को दूर करने का प्रयास किया है जिसकी वजह से सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी और लैंडर से संपर्क टूट गया था।
इस बार हर तरीके से लैंड करने के लिए विक्रम को तैयार किया गया है। यहां तक कि अगर लैंडर विक्रम का इंजन भी फेल हो जाता है तब भी इसकी लैंडिंग होगी।
फिर भी अगर मान लेते हैं कि आज लैंडिंग मिस हो जाती है तो इसके लिए भी इसरो ने तैयारियां करके रखी हैं।
दूसरी बार होगी सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश
मान लीजिए किसी भी दिक्कत की वजह से आज सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाती तो इसरो दूसरा प्रयास 27 अगस्त को करेगा। बता दें कि आज 4 बजकर 45 मिनट से ही लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
चंद्रमा पर सूर्योदय के साथ ही लैंडर विक्रम उतरने लगेगा। 17 मिनट का समय बेहद खतरनाक रहने वाला है।
इस समय भारत समेत पूरी दुनिया की सांसें थमी होंगी। दरअसल चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहे लैंडर को पहले हॉरिजॉन्टल से वर्टिकल पोजीशन में आना होगा। यह प्रक्रिया काफी कठिन मानी जाती है।
इसरो के चेयरमैन ने कहा, अगर सेंसर फेल हो जाता हैं, इंजन काम करना बंद कर देते हैं तो भी विक्रम लैंडिंग करेगा। इस हिसाब से इसे डिजाइन किया गया है कि प्रोपल्सन सिस्टम काम करता रहेगा।
अगर दोनों इंजन काम करना बंद कर देंगे तब भी लैंडर चांद की सतह पर उतर जाएगा। अगर आज लैंडिंग मिस हो जाती है तो अगले 14 दिनों तक फिर प्रयास करने का रास्ता खुला रहेगा। बता दें कि साउथ पोल पर 14 दिन तक सूर्य की रोशनी रहेगी।
बता दें कि इस समय चंद्रयान 25×134 किमी की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। चंद्रयान- 2 मिशन एन वक्त पर फेल हो गया था। चांद से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर से संपर्क टूट गया था।
इसके बाद चंद्रयान- 3 मिशन की तैयारी शुरू हो गई। इसरो के चेयरमैन ने कहा कि सबसे जरूरी है चांद पर लैंड करने के लिए सही जगह मिलना।
अगर कोई भी दिक्कत आती है तो नई जगह की पहचान करके लैंडर सतह पर उतरेगा।