टिकट कटती देख विधायक को आ रही शहर के सड़कों की याद – राजेश ठाकुर
निगम लोककर्म विभाग अध्यक्ष ने कहा विधायक बताए 5 सालों में अपने निधि से क्यो नहीं सुधारी सड़कों की दशा
डस्टबीन खरीदी में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार, शासन के नियमों के अनुसार सीएसआईडीसी से किया गया क्रय
विपक्ष चाहे तो करा ले निष्पक्ष जांच, भ्रष्टाचार साबित हुआ तो दे देंगे इस्तीफा
धमतरी। शहर सड़को की जर्जर दशा व सिहावा रोड की खराब स्थिति को लेकर विधायक रंजना साहू ने परिर्वतन यात्रा व अन्य मौको पर राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए है। जिसके जबाव में निगम लोककर्म विभाग अध्यक्ष राजेश ठाकुर कहा कि विगत 5 सालों तक विधायक को शहर की सड़कों की दशा की याद नहीं आई अब अंतिम समय में चुनावी लाभ लेने के उद्देश्य से सड़कों की दशा को लेकर दिखावा कर रही है। विधायक टिकट कटती देख सड़कों की दशा सुधारने की चिंता कर रही है। जनता भाजपा व उनके नेताओं की कथनी करनी समझ चुकी है। इसीलिए भाजपाईयों को अपनी जमीन डगमगाते नजर आ रही है। श्री ठाकुर ने पूछा की विधायक ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सड़कों की दशा सुधारने कितनी राशि खर्च की। उन्होने विधायक पर चुनाव लाभ लेने के लिए सड़क की मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। राजेश ठाकुर ने विपक्ष द्वारा निगम में डस्टबीन खरीदी के मुद्दे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर कहा डस्टबीन खरीदी में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। शासन के निर्देशानुसार सीएसआईडीसी से डस्टबीन खरीदे गए है। विपक्ष जनता को भ्रमित कर रही है। विपक्ष चाहे तो जांच करा ले यदि भ्रष्टाचार साबित हुआ तो वे इस्तीफा दे देंगे। विपक्ष सिर्फ झुठे आरोप लगाकर जनता में उपस्थिति दर्ज करा रही है। जनता भाजपा के रीति-नीति को समझ चुकी है। ऐसे में भाजपाईयों को चुनाव के पहले ही हार का डर सता रहे है। इसलिए उल-जूलल ब्यानबाजी कर झूठे आरोप लगाया जा रहा है।
कचरा निष्पादन के लिए केन्द्र से नहीं मिला कोई फंड, न ही हुआ है कोई भ्रष्टाचार
निगम लोककर्म विभाग अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कचरा निष्पादन पूर्णत: राज्य सरकार से प्राप्त राशि से हो रहा है इसके लिए केन्द्र सरकार से कोई फंड नहीं मिला है। रही बात निजी भूमि कचरा डम्प करने की तो निजी भूमि पर कचरा डालना गलत है लेकिन बता दे कि उक्त भूमि मालिक के कहने पर उनकी सहमति से गड्ढा पाटने कचरा डम्प किया गया है। पूर्व में भी गोकुलपुर में कचरा डम्प पर विपक्ष द्वारा गलत आरोप लगाए गए थे। दरअसल वार्डवासी के मांग अनुरुप गड्ढे को पाटने कचरा डम्प किया गया। जिसके परिणाम स्वरुप आज उक्त गड्ढा में समतल मैदान में तब्दील हो चुका है। जो कि वार्डवासियों के काम आ रहा है। भविष्य में उक्त स्थान पर सामुदायिक भवन बनाया जायेगा। यदि इसी गड्ढे को निगम द्वारा अलग से पटवाया जाता तो लाखों रुपये का खर्च आता जो कि बिना लागत से हो गया। भाजपाईयों द्वारा कचरा निष्पादन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाया जाता है लेकिन बता दे कि पूर्व में कचरा निष्पादन कार्य में लगा ठेकेदार घाटे का कार्य प्रतीत होने पर कार्य छोड़कर चला गया जिसके चलते उनके लाखों के मशीनो को जब्त किया गया है। साथ ही उन्हें ब्लैक लिस्टेट भी किया गया है। यदि कचरा निष्पादन कार्य में भ्रष्टाचार होता तो ठेकेदार कार्य छोड़कर जाता और न ही निगम उनकी मशीनों को जब्त करती।