विदेश

हमास के मंसूबे क्यों नहीं भांप पाया इजरायल? ईरान के जाल में यूं फंस गया यहूदी देश…

इजरायल के दक्षिणी हिस्सों में फलस्तीन के आतंकी समूह हमास की ओर से शनिवार सुबह किए गए हमले को विशेषज्ञों ने इजराइल की भारी खुफिया विफलता का नतीजा बताया है।

इजरायली सेना के अनुसार, हमास के आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजरायल में तीन हजार से अधिक रॉकेट दागे।

हमास ने शनिवार को इजराइल पर अभूतपूर्व हमला करते हुए हजारों रॉकेट दागे और उसके सैकड़ों लड़ाके हवाई, जमीनी और समुद्र के रास्ते इजराइली सीमा में घुस गए। हमास के इस हमले ने इजराइल को चौंका दिया है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि दुनियाभर में नामी खुफिया एजेंसी मोसाद इस खतरे को भांप क्यों नहीं पाई। क्या ईरान ने इजरायल को इतना उलझा दिया था कि उसका ध्यान हमास की तरफ से हट गया?

अपने ही निकट स्थित क्षेत्र की अनदेखी
विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल को हमेशा अपनी खुफिया एजेंसियों, घरेलू इकाई शिन बेट और विशेष रूप से अपनी बाहरी जासूसी एजेंसी मोसाद पर गर्व रहा है, लेकिन इस हमले से उसकी खुफिया विफलता दिखाई पड़ती है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल, ईरान का मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही निकट स्थित क्षेत्र की अनदेखी कर दी। टाइम्स ऑफ इजराइल ने एक पूर्व खुफिया प्रमुख अमोस याडलिन के हवाले से कहा कि हमले से खुफिया जानकारी की विफलता नजर आती है।

सेना को जवाब देना चाहिए
एक प्रमुख पोर्टल वाईनेटन्यूज की खबर के अनुसार, शनिवार देर रात हुई सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में इजराइली मंत्रियों ने कहा कि सेना को अपनी खुफिया जानकारी की विफलता के बारे में जवाब देना चाहिए। मंत्रियों ने चीफ ऑफ स्टॉफ हर्जी हलेवी की आलोचना करते हुए दावा किया कि उन्हें शनिवार को जानकारी देने का समय नहीं मिला। समाचार पोर्टल की खबर में कहा गया है कि कुछ लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्या वह हमास की साजिश का पता लगाने में सैन्य खुफिया की विफलता के बारे में उनके कठिन सवालों से बचना चाहते थे।

इजरायल की तैयारियों के बारे में चिंता
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओफिर अकुनिस ने कहा, हर इजरायल नागरिक जानना चाहता है कि इस तरह की खुफिया विफलता कैसे हुई। उन्होंने कहा, चीफ ऑफ स्टाफ और खुफिया प्रमुख अब यहां क्यों नहीं हैं। हमें और अधिक जानकारी चाहिए। इजरायल सरकार के अधिकारी युद्ध जैसी स्थिति में इजरायल की तैयारियों के बारे में चिंतित नजर आए और देशभर में आश्रय केंद्रों की तफ्तीश की।
चेतावनियों को नजरअंदाज किया

इजरायल ने हाल में हमास के साथ संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति की घरेलू बाधाओं के कारण चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया। इजराइली नौसेना के पूर्व प्रमुख एली मैरोन ने मीडिया से कहा, पूरा इजरायल खुद से पूछ रहा है, इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) कहां है, पुलिस कहां है, सुरक्षा कहां है। यह एक बहुत बड़ी खुफिया विफलता है। कुछ विशेषज्ञ सरकार द्वारा शुरू की गई न्यायिक सुधार योजना के मद्देनजर इजरायल के भीतर आंतरिक विभाजन को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

News Desk

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