मध्यप्रदेश

अब स्वप्रमाणीकरण के उल्लंघन पर लगेगा 1 लाख जुर्माना

भोपाल। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्यमी के स्वप्रमाणीकरण के आधार पर विभिन्न अनुमतियां दिए जाने का प्रविधान किया गया है। इसमें असफल रहने पर जुर्माना के प्रविधान को बढ़ाया गया है। अब वचन पूरा न करने वाले उद्यमी पर पहली बार में पचास हजार और उसके बाद एक लाख रुपये तक अर्थदंड लगाया जा सकेगा। इसके लिए सरकार ने निवेश संवर्धन विधेयक बुधवार को विधानसभा में प्रस्तुत किया था, जिसे बिना चर्चा ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

इसके साथ ही मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन और हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक भी पारित हो गया। राज्यपाल की अनुमति मिलते ही इन्हें राजपत्र में प्रकाशित करके प्रभावी कर दिया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया। इसमें प्रविधान किया गया है कि कुलपति ऐसे व्यक्ति को बनाया जा सकेगा, जिसे शासकीय महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में आचार्य के रूप में कम से कम दस वर्ष का अनुभव हो।

इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के किसी प्रतिष्ठित शासकीय अनुसंधान एवं शैक्षणिक प्रशासनिक संगठन में नेतृत्व के साथ विख्यात शिक्षाविद होने का दस वर्ष का अनुभव हो। रजिस्ट्रार अब शासकीय कालेज या विश्वविद्यालय के ऐसे शिक्षक, जिन्हें आचार्य पद पर पांच वर्ष का अनुभव हो या फिर शासन के अधीन उपसचिव या समकक्ष स्तर के किसी पद पर पांच वर्ष के अनुभव वाले व्यक्ति की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर लेकर बनाया जा सकेगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश वृति कर, मध्य प्रदेश माल और सेवा कर, मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विभाग विभागीय मंत्रियों ने प्रस्तुत किए, जिन्हें भी ध्वनिमत से बिना चर्चा पारित कर दिया गया।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!