उच्च शिक्षित युवा हिमांशु साहू ने सुनहरे अवसरों का त्याग कर सरपंच बनकर आगे बढ़ा रहे हैं सेवाकार्य
काँलेज आँफ इंजीनियर एंड मैनेजमेंट सिविल इंजीनियरिंग के कैरियर से सरपंच संघ के अध्यक्ष तक का अब तक रहा सफर
पिता दयाराम के गांव के प्रति समर्पण एवं जनता की निस्वार्थ सेवा से प्रेरणा ने बनाया जनप्रतिनिधि -: हिमांशु

धमतरी 18 अगस्त (हाईवे चैनल)। सरपंच संघ के चुनाव के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की इस सबसे महत्वपूर्ण शासन प्रशासन स्तर पर माने जाने वाली इकाई के ब्लॉक स्तर पर जब गठन हुआ तो अध्यक्ष के रूप में एक नवयुवक का नाम एकाएक राजनीति के तथा शासन प्रशासन के गलियारे में चर्चा के रूप में सामने आया और वह नाम था ग्राम दर्री का 24 वर्षीय नवनिर्वाचित सरपंच हिमांशु शेखर साहू। जिन्होंने भिलाई से कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के साथ ही मैनेजमेंट में सिविल ब्रांच से इंजीनियरिंग जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात जीवन के अनेक संभावनाओं के साथ सार्वजनिक जीवन की सेवा क्षेत्र को आत्मसात कर अपने व्यक्तिगत सुनहरे सपनों का त्याग करते हुए बीते पंचायत चुनाव में सरपंच के पद पर चुनाव लड़ते हुए सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन की शुरुआत की जिसे एक कदम आगे बढ़कर उनके पिता तथा क्षेत्र के नामचिन व्यक्तित्व दयाराम साहू का कुशल मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन के साथ प्रेरणा भी प्राप्त हुआ, इस सब के बाद भी मां पूर्व जनपद सदस्य हेमंत साहू के साथ ही 90 वर्षीय दादी मां ने भी जब हिंदू संस्कार के अनुसार आरती उतारते हुए तिलक वंदन कर घर से सार्वजनिक जीवन को से समर्पित की तो यह अनेकों युवाओं के लिए प्रेरणा पुंज बन गया एक चर्चा में हिमांशु साहू ने बताया कि बचपन से ही उन्होंने अपने पिता को अपने गांव के प्रति समर्पित भाव से प्रत्येक पल उनके सुख-दुख में अपनी सहभागिता प्रदान करते हुए कार्य करते हुए देखे हैं और यही से उन्हें यहां प्रेरणा मिली कि यदि मानव जीवन को सार्थक करना है तो अपनी गांव अपनी मिट्टी अपनी जनता के लिए कुछ करके जिंदगी को सार्थक बना ले और बस यही प्रेरणा सरपंच सफर की शुरुआत की जिसे माता-पिता के साथ ही मेरी धर्मपत्नी ने भी भरपूर समर्थन दिया और आज सबके इसने सहयोग दुलार से धमतरी ब्लॉक के लगभग 90 सरपंचों को अपनी सेवाएं देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने को तैयार हूं।
पुत्र का जन्मभूमि की सेवा करना, जीवन का सबसे स्वर्णिम पल-: दयाराम
हिमांशु साहू के पिता तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता साहू समाज के प्रदेश महामंत्री दयाराम साहू से बेटे के सरपंच बनने के निर्णय के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने भावुक होकर भरी आंखों तथा रुधे स्वर से कहा जिस गांव में हमने जन्म लिया और इसी ने हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नाम दी, पहचान दी, दौलत दिया ,शौहरत दिया उसी के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने की शपथ लेकर पुत्र का सरपंच बनने का क्षण, मेरे जीवन के लिए सबसे स्वर्णिम पल है इसके लिए मैं ईश्वर का शुक्रगुजार अदा करता हूं और अपने पुत्र पर गर्व करता है इस क्षेत्र में उसकी सफलतापूर्वक कार्य ही मेरे जीवन को शांति व सुकून प्रदान करेगी।

