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सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर इमरजेंसी बताकर ठगो द्वारा की जा रही पैसे की मांग

शहर के कई लोगों के अकाउंट अब तक हो चुके है हैक

छग चेंबर ऑफ कॉमर्स जिलाध्यक्ष महेश जसूजा को व्यापारियों ने दी ठगी के प्रयासों की जानकारी, तत्काल एसपी व डीएसपी को दी जानकारी


धमतरी। विगत कुछ समय से सायबर फ्राड के मामले बढ़े है। नित नये-नये तरीकों से सायबर फ्राड का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर प्रार्थी के प्रोफाईल लगाकर परिचितों से इंमरजेंसी बताकर पैसे की मांग की जा रही है। धमतरी के भी कई लोगों के अकाउंट हैक हो चुके है। ऐसा ही मैसेज कपड़ा संगठन के प्रतिष्ठित व्यवसायी गुडिय़ा कलेक्शन और साईं बुटीक और बालाजी प्लाईवुड के संचालक के पास भी आ चुका है, जैसे ही व्यापारियों ने देर रात को छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स धमतरी के जिलाध्यक्ष महेश जसूजा को ऐसा मैसेज मिला उन्होंने रात को ही तुरंत एसपी प्रशांत ठाकुर एवं डीएसपी मणीशंकर चंद्रा को फोन कर जानकारी दी। और बताया कि धमतरी जिले में इस तरह का फ्रॉड जारी है। जिस पर एसपी ने रात को ही जांच का आदेश दिया। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स धमतरी अध्यक्ष महेश जसूजा ने बताया कि जिले के सभी व्यापारियों को अवगत करा रहे है कि ऐसे फ्रॉड से बचे ऐसे मेसेज का कोई भी जवाब न दे तथा न हो उक्त व्यक्ति से फोन पर बात करे। अन्यथा आप उक्त फ्रॉड व्यक्ति के जाल में फंस सकते हैं। सायबर क्राईम के तहत फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर उस अकाउंट से जुड़े लोगो से पैसे की डिमांड करना। फर्जी आईडी या फिर किसी की सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर अकाउंट होल्डर के परिचितो को मैसेज कर आपातकालीन तकलीफ बताकर तत्काल पैसे आनलाईन ट्रांसफर करने कहा जाता है। इस दौरान कुछ लोग ठगो के शिकार बन जाते है और पैसे ट्रांसफर कर देते है। इस प्रकार के अपराध के पश्चात ठगो पर कार्रवाई व रकम वापसी काफी मुश्किल हो जाती है। ऐसे में सावधानी ही ठगो से बचने का उपाय है।
पुलिस के लिए चुनौती
ज्ञात हो कि शिकायत के बाद भी पुलिस के लिए सायबर ठगो तक पहुंचना बड़ी चुनौती होती है। सायबर ठग देश दुनिया के किसी भी कोने से आसानी से सायबर ठगी को अंजाम देते है। और जिला पुलिस के पास आज भी सीमित संसाधन और स्टाफ है जो कि सायबर क्राईम से निपटने पूरी तरह ट्रेंड नहीं है। ऐसे में सायबर क्राईम से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण तरीका जागरुकता व सावधानी है। यदि हम जागरुक रहे तो ऐसे अपराधों से बच सकते है। जानकारों के अनुसार हमे अपने एटीएम पिन, पासवर्ड, ओटीपी या बैंक की कोई भी निजी जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करनी चाहिए। किसी प्रकार के लुभावने स्कीम के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन नहीं करना चाहिए। इससे चंद सेकेंड में खाते से रकम पार हो सकता है। आनलाईन पेंमेट साइट का पासवर्ड सोशल मीडिया अकाउंट आदि का डीआर कोड व पासवर्ड गोपनीय ही रखना चाहिए। किसी भी लाटरी, इनाम आदि झांसे से बचना चाहिए। अन्यथा सायबर ठगी के शिकार हो सकते है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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