छत्तीसगढ़

रायपुर : मुख्यमंत्री निवास में धूमधाम से मनाया गया तीजा-पोरा तिहार : मुख्यमंत्री बघेल ने करु भात खिलाने से लेकर साज-श्रृंगार और विदाई की निभाई रस्में…

तिजहारिन माताओं-बहनों में दिखा गजब का उत्साह : छत्तीसगढ़ी गानों में जमकर थिरकीं

महिलाओं ने रईचुली झूले और पारंपरिक खेल का लिया आनंद. पारंपरिक छत्तीसगढ़िया अंदाज में सजा मुख्यमंत्री निवास

मुख्यमंत्री के न्यौते पर पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं ने उत्साह के साथ आयोजन में लिया हिस्सा

मुख्यमंत्री निवास में आज तीजा पोरा तिहार धूमधाम से मनाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निमंत्रण पर पारंपरिक वेशभूषा में हजारों की संख्या में महिलाएं तीजा-पोरा मनाने मुख्यमंत्री निवास पहुंची।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास को पारंपरिक छत्तीसगढ़िया अंदाज में सजाया गया था। तीजा-पोरा तिहार के अवसर पर महिलाओं-बहनों के लिए मुख्यमंत्री निवास में मायके की तरह करु भात खिलाने से लेकर साज-श्रृंगार और विदाई तक सारी रस्में निभाई गईं।

मेहंदी, आलता से श्रृंगार की व्यवस्था के साथ पूजा के लिए भगवान महादेव का आकर्षक मंदिर तैयार किया गया।

मुख्यमंत्री सहित वहां मौजूद महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। करु भात के लिए करेला चने की सब्जी, कढ़ी के साथ ठेठरी, खुरमी, बड़ा, सोहारी और अन्य छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की व्यवस्था की गई थी।

मुख्यमंत्री बघेल ने सपरिवार लिया रईचुली झूले का आनंद
छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों के दल ने छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत से अनोखा समा बांधा। ‘तीजा पोरा के तिहार बहिनी नीक लागे मोर और गाड़ा गाड़ा जोहार…‘ जैसे गानों पर महिलाएं जमकर थिरकीं। मुख्यद्वार के पास रईचुली झूले की व्यवस्था थी, जिसका महिलाओं ने जमकर आनंद लिया।

मुख्यमंत्री बघेल ने भी महिलाओं का उत्साह बढ़ाते हुए सपरिवार रईचुली झूले का आनंद लिया। मुख्यमंत्री संग सेल्फी लेने माताएं बहनें उत्साहित दिखी।

पारंपरिक छत्तीसगढ़िया अंदाज में सजा मुख्यमंत्री निवास
तीजा-पोरा तिहार कार्यक्रम के लिए पूरे मुख्यमंत्री निवास की पारम्परिक रूप में भव्य सजावट की गई थी। कार्यक्रम प्रांगण को तीजा-पोरा पर्व सहित छत्तीसगढ़ी ग्रामीण संस्कृति और जन-जीवन के प्रतीकों से सुसज्जित किया गया था। मुख्य द्वार को पोरा पर्व के पारंपरिक नांदिया बैला से सजाया गया था।

गैलरी को रंग-बिरंगे झालरों द्वारा आकर्षक कलेवर दिया गया था। ग्रामीण संस्कृति से जुड़े नयनाभिराम चित्रों से दीवारों को सजाया गया। छत्तीसगढ़ी पारंपरिक आभूषणोें का प्रदर्शन भी यहां किया गया।

हाथों में मेहंदी और पैर में माहुर लगाकर महिलाएं हुईं उत्साहित
मुख्यमंत्री निवास में माताओं-बहनों के हाथों में मेहंदी और पैर में माहुर लगाने की व्यवस्था की गई थी। यह माना जाता है जब बेटी अपने मायके आती है तो वह कुछ इसी तरह साज श्रृंगार कर तीजा के त्यौहार में शामिल होती है।

मेहंदी और माहुर लगवाने के लिए महिलाएं उत्साहित दिखीं और उनके चेहरे पर अलग ही मुस्कान खिली नजर आई जिसने माहौल को और खूबसूरत बना दिया।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!