इजरायल पर हमले के बीच फ्रांस में टीचर का कत्ल, अल्लाह हू अकबर बोलकर मारा चाकू…
इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. वहीं, उत्तरी फ्रांस के अरास शहर के एक स्कूल में शुक्रवार को एक 20 साल के युवक ने एक शिक्षक की ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाते हुए चाकू मारकर हत्या कर दी।
इस हमले में दो अन्य लोग घायल हो गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने इसे बर्बर इस्लामी आतंकवाद करार दिया है। साथ ही उन्होंने इस हमले की निंदा की है।
फ्रांस के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा कि फ्रांस अब उच्चतम अलर्ट पर है। उन्होंने इस हमले को इजरायल-हमास युद्ध से जोड़ा है।
आपको बता दें कि इस घटना के ठीक एक दिन पहले मैक्रॉन ने फ्रांसीसियों से एकजुट रहने और इजरायल-हमास युद्ध को लेकर फ्रांस में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से परहेज करने के लिए कहा था।
मैक्रॉन ने हमले की जगह पर जाकर शिक्षक डोमिनिक बर्नार्ड को श्रद्धांजलि अर्पित की। उस सयम शिक्षक का शव खून से लथपथ नीचे पड़ा हुआ था। मैक्रॉन ने कहा, “उन्होंने कदम बढ़ाया और निस्संदेह कई लोगों की जान बचाई। हम आतंक के आगे नहीं झुकेंगे। हमें ऐसी हरकतें विभाजित नहीं कर सकती हैं।”
आरोपी की पहचान मोहम्मद एम के रूप में की गई है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वह लीसी गैम्बेटा हाई स्कूल का पूर्व छात्र था। यहीं पर हमला भी हुआ है। हमलावर के एक भाई को भी हिरासत में लिया गया है। इस हत्या की जांच आतंकवाद विरोधी एजेंसी को सौंपी गई है।
जीन-फ्रेंकोइस रिकार्ड के अनुसार, कई गवाहों ने शुक्रवार के हमलावर को “अल्लाह हू अकबर” का नारा लगाते हुए सुना। वहीं, दर्मैनिन ने कहा कि खुफिया एजेंसियों द्वारा उस व्यक्ति पर नजर रखी जा रही थी। पिछले कुछ दिनों से उसका फोन टैप किया जा रहा था। अधिकारियों ने उसका संदिग्ध व्यवहार देखा था, लेकिन योजनाबद्ध हमले का कोई संकेत नहीं मिला था।
सूत्र ने कहा कि कथित हमलावर का एक बड़ा भाई इस्लामी आतंकवादी नेटवर्क से संबंध रखने और आतंकवादी घटनाओं का महिमामंडन करने के आरोप में जेल में सजा काट रहा है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में फ्रांस को सिलसिलेवार इस्लामी हमलों का निशाना बनाया गया है। फ्रांस को सबसे बुरा अनुभव नवंबर 2015 को हुआ, जब पेरिस में मनोरंजन स्थलों और कैफे पर बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरों द्वारा एक साथ हमला किया गया था।