विदेश

बुरी तरह टूट रहा चीन का बाजार, पर बढ़ गए कंडोम के खरीदार; क्या है वजह…

लंबे वक्त तक कोरोना लॉकडाउन झेलने के बाद अब चीन की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है।

पढ़े-लिखे ग्रेजुएट युवा झाड़ू-पोंछा लगाने जैसे काम करने को मजबूर हैं। इस महीने के आर्थिक आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आई है।

चीन में आलम यह है कि मार्केट में खरीददारों की कम होती संख्या ने बाजार को बुरी तरह तोड़ दिया है। इससे उलट कंडोम की बिक्री पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। कंपनियों का मुनाफा तेजी से बढ़ रहा है।

ड्यूरेक्स निर्माता रेकिट ने बुधवार को बयान में कहा कि उपभोक्ता कंपनियों और अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, चीन के बाजार बुरी तरह टूट रहे हैं लेकिन, कंडोम के खरीददारों में इस तंगी का कोई असर नहीं है।

इस महीने चीन के आर्थिक आंकड़ों से पता चला है कि महामारी के बाद इसकी वृद्धि तेजी से कम हो रही है। इसने कंपनियों और निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। वे सरकार से लोगों में कम हो रहे विश्वास को बढ़ाने की अपील कर रहे हैं। 

दिग्गज कंपनियों की टेंशन बढ़ी
ब्रिटिश उपभोक्ता सामान की दिग्गज कंपनी यूनिलीवर ने मंगलवार को कहा कि चीन के गिरते बाजार और निर्यात ने उपभोक्ता भावना को ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचा दिया है।

जबकि, लॉकडाउन खत्म होने के साथ ही इस साल की शुरुआत में उसने चीनी “खपत में उछाल” का अनुमान लगाया था।

कंडोम के खरीददार बढ़े
इससे उलट चौंकाने वाली बात बुधवार को तब सामने आई, जब रेकिट ने कमाई के नतीजे जारी किए। उसने कहा कि उसके व्यवसाय में शुद्ध राजस्व वृद्धि 8.8 प्रतिशत हुई।

कंपनी का कहना है कि लॉकडाउन के वक्त भी कंडोम खरीददारों की कमी नहीं थी और अब पाबंदियां खुलने के बाद भी प्रॉफिट लगातार जारी है।  

अपनी वेबसाइट के अनुसार, रेकिट चीन के बाजार में कंडोम की बढ़ती मांग को देखते हुए नए प्रोडेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है। रेकिट की वेबसाइट पर कहा गया है, “ड्यूरेक्स स्कीम-2 पर कार्य शुरू होने वाला है और यह सुविधा जनवरी 2026 में चालू हो जाएगी।” 

घर पर बेकार बैठें हैं युवा
चीन की आर्थिक दुर्दशा का आलम यह है कि पढ़े-लिखे युवा घर पर बेकार बैठने को मजबूर हैं। देश की राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि जून 2023 तक 16 से 24 साल तक के आयु वर्ग वाले युवाओं में बेरोजगारी की दर 21 प्रतिशत से पार हो गई।  

इस साल चीन में रिकॉर्ड 1.15 करोड़ युवा ग्रेजुएट हो रहे हैं। ऐसे में सरकार के पास इन युवाओं को नौकरी देने और नौकरी के नए अवसर तलाशने की बड़ी चुनौती है।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!