नई भाजपा सरकार में क्या चल पायेगी कांग्रेस की पुरानी योजनायें?
भूपेश सरकार की कई योजनाओं को भ्रष्टाचार का माध्यम बताकर भाजपा 5 साल करती रही है विरोध
नरवा, गरवा, घुरवा, बारी, राजीव युवा मितान क्लब, गोधन न्याय योजना सहित कई योजनाओं के क्रियान्वयन पर पूर्व में उठाये गये है सवाल
धमतरी। साल 2018 में कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में आई इसके बाद कई नई योजनायें सरकार द्वारा संचालित की गई लेकिन भाजपा द्वारा इनका लगातार विरोध किया गया अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद पुरानी योजनाओं का पहले की तरह ही क्रियान्वयन हो पायेगा? ज्ञात हो कि इस बार विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली है। जिससे अब सरकार गठन की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही शपथ ग्रहण होगा। फिर मंत्रीमंडल तैयार होगा फिर केबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिये जायेंगे। इसमें एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या भाजपा सरकार में कांग्रेस राज में चलने वाली सभी योजनायें पूर्ववत चलती रहेगी या फिर कई योजनाओं पर ब्रेक लग जायेगा? सामान्यत: नई सरकार सत्ता में आने पर कई योजनायें या तो बंद कर दी जाती है या कुछ योजनाओं में बदलाव कर संचालन किया जाता है। बता दे कि बीते पांच सालों में प्रदेश भर में भाजपा द्वारा भूपेश सरकार के कई योजनाओं को सिर्फ भ्रष्टाचार का माध्यम बताकर इसका पुरजोर विरोध किया गया। कई योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवाल उठायें गयें कुछ योजनाओं को सिर्फ कागजों पर बताया गया था इसलिए ऐसे सवाल उठना लाजिमी है।
भूपेश सरकार में कई नई योजनायें संचालित की गई जिसमें सुराजी योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा बारी सबसे ज्यादा चर्चा में रही, इसके अतिरिक्त स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश स्कूल योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई दीदी क्लीनिक योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, राजीव युवा मितान क्लब, श्री धन्वतंरी जैनेरिक मेडिकल स्टोर योजना, रामवनगमन पर्यटन परिपथ योजना, मुख्यमंत्री मितान योजना, छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन बिजली बिल हाफ योजना, बेरोजगारी भत्ता आदि कई योजनाओं से आमजनता को लाभ मिला और इनके निंरतर क्रियान्वयन के पक्ष में जनता है, लेकिन यह तो वक्त ही बतायेगा कि भाजपा सरकार क्या निर्णय लेती है?