निगम के यूनिपोल टेंडर प्रक्रिया पर उठ रहे हैं सवालिया निशान
निविदा प्रणाली में पारदर्शिता तथा नियमों का निष्पक्षता से किया जाए पालन -:राजेंद्र शर्मा
आर्थिक संकट से जूझ रहे नगर निगम में राजस्व की बढ़ोत्तरी हेतु टेंडर पद्धति की प्रक्रिया को बनाया जाए प्रतिस्पर्धात्मक-: महेंद्र खण्डेलवाल
धमतरी। पार्षद राजेन्द्र शर्मा, भाजपा वरिष्ठ नेता महेंद्र खंडेलवाल ने कहा कि नगर निगम द्वारा अपना राजस्व बढ़ाने के लिए बड़े शहरों की तर्ज पर विज्ञापन हेतु शहर के विभिन्न स्थलों पर यूनिपोल लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया ऑफलाइन पद्धति से आमंत्रित किया गया है जिस पर सवालिया निशान उठना प्रारंभ हो गया है क्योंकि यदि वास्तव में निगम के जिम्मेदार लोगों का निगम के आय में वृद्धि करने की साफ नियत व स्पष्ट नीति है तो किसी भी टेंडर को ऑनलाइन पद्धति से प्रतिस्पर्धा के माध्यम से आमंत्रित किया जाना चाहिए जिससे निर्धारित दर 26 लाख वार्षिक जिसमें 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष वृद्धि करते हुए 5 वर्ष के लिए दिया जाना निर्धारित है जिसमें यदि ऑनलाइन पद्धति से खुले रूप से टेंडर यदि आमंत्रित किया जाता है तो इससे अधिक से अधिक में टेंडर लोगों के द्वारा भरे जाने पर राशि में वृद्धि होते हुए निगम को आर्थिक आमदनी होगी लेकिन उक्त निविदा को लिफाफा पद्धति से आमंत्रित किए जाने पर कुछ गिने चुने लोगों के द्वारा आपस में रिंग बनाकर सेटिंग करते हुए रेट डाला जा रहा है जो नगर निगम को आर्थिक रूप से चूना लगाने के लिए है। नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा ने कहा है कि निविदा प्रणाली नगर निगम के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए होती है इसमें निगम के जिम्मेदार विभाग तथा उससे संबंधित सभी अधिकारी तथा कर्मचारियों को पूरी पारदर्शिता ईमानदारी निष्पक्षता के साथ प्रक्रिया में अपनाना चाहिए यही उनका दायित्व भी है वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता महेंद्र खंडेलवाल ने कहा है कि नगर निगम अपने आर्थिक संसाधन को बढ़ाने के लिए निविदा प्रणाली में किसी को लाभ पहुंचाने की मंशा ना रखते हुए प्रतिस्पर्धात्मक रास्ता तैयार करें जिससे नगर निगम तथा उससे संबंधित सभी लोगों का हित संवर्धित होगा और यही वर्तमान समय में नगर निगम की अनिवार्य आवश्यकता भी है।