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महासमुंद लोस :- कांग्रेस के गढ़ महासमुंद में भाजपा ने लगाई है सेंध

अब तक हुए उपचुनाव मिलाकर हुए 19 मुकाबलो में 12 बार कांग्रेस ने की है जीत दर्ज

पिछले तीन बार से लगातार भाजपा कर रही है जीत दर्ज
विद्याचरण शुक्ल, श्यामाचरण शुक्ल, अजीत जोगी, पवन दीवान, जैसे दिग्गज नेता रह चुके है महासमुंद से सांसद
धमतरी। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सात चरणों में देशभर में चुनाव सम्पन्न होंगे। महासमुंद लोकसभा का चुनाव दूसरे चरण में होगा। इसके तहत 26 अप्रैल को मतदान होगा। कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू ने नामांकन भी भर दिया है। आज भाजपा प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर रही है। यदि महासमुंद लोकसभा का इतिहास देखे तो अब तक कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आता है। लेकिन पिछले तीन चुनाव में भाजपा ने लगातार जीत दर्ज कर कांग्रेस के मजबूत गढ़ में सेंध लगाई है। बता दे कि महासमुंद लोकसभा के अन्तर्गत धमतरी व कुरुद विस आते है। इसके अतिरिक्त सरायपाली, खल्लारी, बसना, राजिम, गरियाबंद और महासमुंद विस आता है। धमतरी, गरियाबंद और महासमुंद ये तीन जिले मिलकर महासमुंद लोस बनते है। ज्ञात हो कि अब तक हुए 18 और एक उपचुनाव को मिलाकर कुल 19 चुनाव में 12 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। यह कांग्रेस का मजबूत किला था लेकिन पिछले 15 सालों से इस कांग्रेस के किले पर भाजपा ने विजयी पताका लहराया है। महासमुंद लोस सीट अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से हाई प्रोफाईल है। यहां से प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़ा और जीता भी।
है 16 लाख से अधिक मतदाता
बता दे कि यहां कुल 16,37,951 मतदाता हैं जिनमें पुरुष मतदाता की संख्या 8,24,241 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8,13,688 थर्ड जेंडर निर्वाचक 22 हैं. जातिगत समीकरण की बात करें तो महासमुंद में कुर्मी, अघरिया , यादव , कोलता वोटर की बहुलता है. यहां अनुसूचित जनजाति लगभग 20 प्रतिशत, अनुसूचित जाति लगभग 11 प्रतिशत है. इस लोकसभा क्षेत्र में 51 प्रतिशत मततदाता अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं. बीजेपी ने 2024 में यहां रूप कुमारी चौधरी को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से ताम्रध्वज साहू मैदान में हैं.
गत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने की भी 90511 मतों से जीत दर्ज


महासमुंद छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक बड़ा केंद्र रहा है. यहां से विद्याचरण शुक्ल 6 बार सांसद चुने गए. वो एक बार यहां से जनता दल की टिकट पर भी संसद पहुंचे हैं. विद्याचरण शुक्ल के भाई एवं अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्यामाचरण शुक्ल भी यहां से एक बार सांसद चुने गए हैं. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के पहले सीएम रहे अजीत जोगी भी महासमुंद के सांसद रहे हैं. महासमुंद में 19 बार हुए लोकसभा चुनाव (उपचुनाव समेत) में कांग्रेस पार्टी ने 12 बार जीत दर्ज की है. कभी कांग्रेस का किला कहे जाने वाले महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में पिछले तीन बार से बीजेपी का कब्जा है. वत्र्तमान में यहां से चुन्नीलाल साहू सांसद हैं।
ये रहे है महासमुंद लोस क्षेत्र के सासंद
महासमुंद में हुए पहले 6 चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी. यहां 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के श्योदास डागा ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1957 में मगनलाल राधाकिशन बागड़ी, 1962, 1964 और 1967 में हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी के विद्याचरण शुक्ल सांसद बने. 1971 में कांग्रेस के कृष्णा अग्रवाल, 1977 में जनता पार्टी के बृज लाल वर्मा, 1980, 1984 और 1989 में विद्याचरण शुक्ल ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की. 1980 और 1984 में शुक्ला ने कांग्रेस जबकि 1989 में विद्याचरण शुक्ल ने जनता दल की टिकट पर जीत दर्ज की थी. 1991 और 1996 में बीजेपी के पवन दीवान ने जीत दर्ज की. 1998 में बीजेपी के चन्द्रशेखर साहू, 1999 में कांग्रेस के श्यामाचरण शुक्ल. 2004 में कांग्रेस के अजीत जोगी, 2009 में बीजेपी के चंदूलाल साहू यहां के सांसद बने। वहीं 2014 में पुन: चन्दूलाल साहू सांसद बने।
गत चुनाव में भाजपा ने की थी 90511 मतों से जीत दर्ज
पिछले लोकसभा चुनाव में चुन्नीलाल साहू ने कांग्रेस पार्टी के धनेन्द्र साहू को हराया है. चुन्नी लाल साहू को जहां 50.44 प्रतिशत, 616580 वोट मिले वहीं कांग्रेस के धनेन्द्र साहू को 43 प्रतिशत, 526069 वोट मिला। यहां तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय देवेन्द्र सिंह ठाकुर को 1.27 प्रतिशत वोट मिले थे. जबकि चौथे स्थान पर रहे बीएसपी के धनसिंह कोसरिया को 0.92 प्रतिशत वोट ही मिले। इस प्रकार चुन्नीलाल साहू ने 90511 मतों से जीत दर्ज की थी।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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