मध्यप्रदेश

बाबा महाकाल के दर्शन के लिए सावन में गर्भगृह में प्रवेश बंद, दर्शन के लिए नई व्यव्स्था

उज्जैन । सावन का महीना उज्जैन में जोर-शोर से मनाया जाता है, इस दौरान महाकाल मंदिर बाबा महाकाल के लाखों भक्त दर्शन के लिए जाते है। ऐसे में दर्शन के लिए नई व्यव्स्था की गई है। सावन में लाखों भक्त देश विदेश से यहां आते हैं। इस बार अधिकमास होने की वजह से सावन 59 दिन का होगा। इसलिए भक्त भी लाखों होंगे। इसलिए मंदिर समिति ने इस बार व्यापक व्यवस्था की है। मंदिर के पट अलसुबह 2.30 बजे खोल दिए जाएंगे। लेकिन 4 जुलाई (यानि आज) से 11 सितंबर तक 70 दिन के लिए भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा। केवल पंडे-पुजारी ही पूजन कर सकेंगे। भक्तों के लिए बाबा के दर्शन की विशेष व्यवस्था की जाएगी।

ऐसी होगी दर्शन व्यवस्था

भस्मआरती के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन अनुमति दी जाएगी। बिना अनुमति वाले चलित भस्मआरती कर सकेंगे। शीघ्र दर्शन के लिए भक्तों को 250 रुपए की टिकट लेना होगी। यह मंदिर की बेवसाइट पर ऑनलाइन मिल जाएगी। नंदी हॉल से दर्शन के लिए केवल प्रोटोकॉल यानि विशेष अनुमति प्राप्त लोगों की हो दर्शन हो पाएंगे।

कांवड़ यात्री मंगलवार से शुक्रवार तक जलाभिषेक कर सकेंगे। अन्य दिनों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। सामान्य दर्शनार्थी महाकाल लोक से प्रवेश कर नए फैसेलिटी-2 से होकर पुराने फैसेलिटी से होकर नई टनल अथवा टनल की छत से कार्तिकेय मंडपम् पहुंचेंगे। इसके अलावा 250 रुपए की रसीद काटने पर बड़े गणेश मंदिर के सामने से 04 नंबर गेट से होकर विश्रामधाम से सभामंडप होकर बैरिकेड्स से दर्शन के बाद निर्गम कराया जाएगा।

वीआईपी को गेट नंबर एक यानि महाकाल प्रशासनिक कार्यालय के सामने से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। वीवीआईपी अतिविशिष्ट लोगों को निर्माल्य गेट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। अन्य भक्तों को गेट नंबर चार से विश्रामधाम से सभामंडप होकर बैरिकेड्स से दर्शन करवाए जाएंगे। भस्मआरती के पहले नियमित रूप से आने वाले श्रद्धालु हरिओम जल चढ़ा सकेंगे। यात्री टिकट बुक करने के लिए महाकाल लोक वेबसाइट पर लिंक दी गई है।

सावन में महाकाल की होती है 5 आरती

बाबा महाकाल के पुजारी ने बताया सावन महीने में भगवान महाकाल की आराधना, जप और प्रार्थना की जाती है। श्रावण माह में महाकालेश्वर मंदिर में पांच आरती होती हैं। जिसमें सबसे खास भस्म आरती होती है। दक्षिण मुखी होने की वजह से महाकाल भगवान का अपना अलग महत्व है। श्रावण माह के 8 सोमवार और भादौ महीने के 2 सोमवार को बाबा महाकाल राजसी ठाट-बाट से राजा स्वरूप में भक्तों का हाल जानने के लिए शहर में निकलेंगे। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन सावन महीने में भक्ति के रंग में रंगी दिखाई देती है।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!