जल संरक्षण की दिशा में जल जगार जिला प्रशासन की अनुकरणीय नवाचार : मुख्यमंत्री श्री साय मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट मंत्री जुटे जल जगार महोत्सव में
धमतरी/ रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में आयोजित जल जगार महोत्सव के शुभारंभ समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि धमतरी जिले में जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा जल जगार महोत्सव मनाया जा रहा है, जो अनुकरणीय पहल है। उन्होंने कहा कि पानी का अधिक दोहन हो रहा है, लेकिन जल संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया जाता। धमतरी जिले में भी जल स्तर काफी नीचे जा रहा था, किन्तु जल जगार से सकारात्मक और क्रांतिकारी परिवर्तन आया है, जिसके लिए जिला प्रशासन बधाई का पात्र है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के देवी-देवताओं का स्मरण करते हुए नवरात्रि की बधाई देते हुए अपने उद्बोधन में आगे कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर बड़ा करने की ठान ले तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जलजीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाने का कार्य किया। इसे हम घर तक गुणवत्तापूर्ण तरीके से पहुंचाने का कार्य हमारा है। उन्होंने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्र के आदिवासियों के लिए नियद नेल्लानार योजना चलाई जा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। नक्सलवाद का खात्मा करने सरकार प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री के 2047 के विकास का सपना साकार करना है, मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को मां के नाम पेड़ लगाने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के संसदीय कार्य, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि जल बचाने की दिशा में जिला प्रशासन बेहतर और इनिशिएटिव कार्य कर रहा है, जिसे धमतरी ही नहीं, पूरे प्रदेश और देश के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि जल जगार के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को एक बड़ी सौगात दे सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि आज के परिवेश में जल संरक्षण बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री ने जलजीवन मिशन के तहत घर घर पानी देकर संदेश दिया है। पानी का मूल्य और महत्व को सभी को समझना होगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीत के माध्यम से जल की महत्ता को बताया। पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री और कुरूद विधायक श्री अजय चंद्राकर ने कहा कि यह अपने आप मे एक नवाचारी कार्यक्रम है। धमतरी जिले में 04 बड़े जलाशय होने के बाद भी यहां का भूजल स्तर गिरना चिता का विषय है। सामुदायिक भागीदारी से जल संरक्षण किया जाना प्रशंसनीय है और इसे जन-जन का आंदोलन बनाना होगा। इसके अलावा महासमुंद सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग, ने भी जिले में चल रहे जल जगार महोत्सव की सराहना करने हुए अनुकरणीय बताया। इस अवसर कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम, पूर्व विधायक श्रीमती रंजना साहू, श्री श्रवण मरकाम, श्रीमती पिंकी शाह, श्री इंदर चोपड़ा सहित जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ नागरिक मंच पर मौजूद थे।
क्षेत्र की आराध्य देवी को मुख्यमंत्री ने भेंट की 108 मीटर लम्बी चुनरी
इसके पहले, मुख्यमंत्री श्री साय ने गंगरेल में मानव वन क्षेत्र की प्रतिष्ठित देवी मां अंगारमोती मंदिर में जाकर दर्शन किए तथा प्रदेशवासियों की खुशहाली और प्रगति की कामना करते हुए आशीर्वाद मांगा। क्षेत्र की आराध्य देवी मां अंगारमोती मंदिर में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने माता को 108 मीटर लंबी लाल चुनरी भेंट की। उन्होंने माता की प्रतिमा की पूजा अर्चना करते हुए डेढ़ करोड़ प्रदेशवासियों की मंगल कामना करते हुए नतमस्तक होकर आशीर्वाद मांगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में मनकेशरी माता और भंगाराम बाबा की भी पूजा अर्चना की। विदित हो कि विशाल गंगरेल जलाशय के निर्माण के लिए क्षेत्र के 54 ग्रामों को विस्थापित कर बांध की स्थापना की गई है। आज भी मां अंगारमोती देवी आदिवासी समाज प्रथम आराध्य देवी है जो मन्नत के लिए विख्यात है।