स्वीकृत 6 करोड़ में सिर्फ भाजपा पार्षदों के वार्डो में होगें विकास, भाजपा विकास में कर रही भेदभाव – राजेश ठाकुर
निगम लोक कर्म विभाग के एमआईसी मेम्बर ने कहा अपने चुनावी फायदों के लिए भाजपा सरकार ने निगम क्षेत्र का मनमाने तरीके से कराया परिसीमन, प्रकाशन में है कई त्रुटियां
बालक चौक काम्पलेक्स का द्वितीय टेंडर निरस्त करने में क्यो की गई इतनी जल्दी ? व्यापारियों से पहले करनी थी चर्चा
धमतरी. नगर निगम के लोककर्म विभाग के एमआईसी मेम्बर पार्षद राजेश ठाकुर ने चर्चा करते हुए राज्य की भाजपा सरकार व स्थानीय भाजपाईयों पर कई आरोप लगाए है। श्री ठाकुर ने कहा कि हालही में भाजपाईयों द्वारा शहर विकास के लिए लगभग 6 करोड़ की स्वीकृति दिलाने की बात प्रसारित कर खूब वाहवाही बटोरने का प्रयास किया गया। लेकिन हकीकत में भाजपा विकास के नाम पर भेदभाव करने वाले पार्टी है। स्वीकृत 6 करोड़ में भाजपा पार्षदों के वार्डो में ही विकास कार्य स्वीकृत हुए है। इससे भाजपा का चेहरा उजागर होता है। और इसे शहर विकास नहीं बल्कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को लाभ दिलाने का प्रपोगेंडा कहा जा सकता है। भाजपा हमेशा निगम सत्ताधारी कांग्रेस पर विकास में पक्षपात का आरोप लगाती रही है। लेकिन भाजपा खुद पक्षपात की राजनीति करती है। अब तक के कार्यकाल में कांग्रेस द्वारा शहर के सभी वार्डो में बिना भेदभाव के समुचित विकास करती रही है।
पार्षद राजेश ठाकुर ने आगे कहा कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा सरकार द्वारा निकायो का परिसीमन कराया जा रहा है। जिसे चुनाव का लाभ जरिया बनाया जा रहा है। परिसीमन मनमाने ढंग से किया जा रहा है। जिससे जनता भी नाखुश है। परिसीमन का प्रकाशन कराया गया है जिसमें कई त्रुटियां है। इस संबंध में वार्डो में निगम कर्मचारियों की तैनाती की गई है। लेकिन बिना जानकारी के उन्हें वार्डो में बैठाया गया है, इसलिए उनकी उपस्थिति का कोई औचित्य नहीं रह गया है। श्री ठाकुर ने हालही में निगम द्वारा निर्मित बालक चौक शॉपिंग काम्पलेक्स के टेंडर विवाद पर कहा कि निगम अधिकारियों द्वारा द्वितीय टेेंडर खोलने के पश्चात तय दर से अधिक राशि व्यापारियों द्वारा टेंडर देने के बाद भी चंद घंटो के भीतर ही टेंडर निरस्त किया गया। इस कार्य में इतनी जल्दबाजी क्यो की गई? निरस्त करने से पहले व्यापारियों से चर्चा कर उन्हें विस्तृत जानकारी देनी थी। उक्त रवैय्ये से निगम की छवि खराब हो रही है।