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बांग्लादेश का 1971 में ही भारत मे विलय कर देना था, वहां अब फिर मुक्तिबाहिनि की जरूरत- पं. राजेश शर्मा


धमतरी। बांग्लादेश में इस्कान के सचिव, और हिंदुत्व के लिए आवाज उठाने वाले संत चिन्मय कृष्णदास और इस्कान संस्था पर हमले के बाद धमतरी के धर्म प्रेमियों में भी गुस्सा है, धमतरी के समाजसेवी और भाजपा नेता पंडित राजेश शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश में चुनी हुई शेख हसीना की सरकार पर कट्टरपंथीयो और सेना ने मिल कर बलात कब्जा किया, पूरे देश को दंगो में झोंका और अब एक मोहम्मद यूनुस को कठपुतली प्रधानमंत्री बन दिया गया है, जो वहाँ हिंदुओ को, मंदिरों को, संस्थानों को और साधु संतों को खत्म कर रहे है वहाँ की सेना और सरकार देखते बैठी है। पँ राजेश ने कहा कि जिस तरह से 1971 में भारत ने मुक्तिबाहिनि को खुली मदद देकर बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त करवाया था अब वहा फिर से मुक्तिबाहिनि की जरूरत है जो उस धरती को कट्टरपंथीयो के चंगुल से मुक्त करवाए, पँ राजेश ने कहा कि 1971 में जब पाकिस्तान का आत्मसमर्पण हुआ तभी बांग्लादेश के भारत मे विलय करवा दिया होता तो आज ये समस्या नही होती। पंडित राजेश ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर तत्काल यू एन के दखल की माँग करते हुआ कहा कि जब तक दुनिया में हिंदू का अस्तित्व और आदर्श सुरक्षित है तब तक दुनिया में मनुष्यता सुरक्षित है इसे मु_ी भर कट्टरपंथी मिटाने का दूषित प्रयास कर रहे है जिनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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