आप लोगों को एक केस दिख रहा, यहां सैकड़ों ऐसे मामले हैं; अपने ही बयान में फंसे मणिपुर CM…
मणिपुर की हालिया घटनाएं लगातार सुर्खियों में हैं।
हाल ही में हुए महिलाओं के साथ बदसलूकी ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। हालिया घटना पर बयान देने के बाद मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह बुरे फंसे हैं।
निजी चैनल को दिए एक बयान में उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को लेकर के इतिहास में हुई इस तरह की घटनाओं का जिक्र किया है।
सीएम बीरेन सिंह ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, “डेली वायलेंस हो रहा। बहुत लोग मारे गए। हजारों एफआईआर दर्ज हुई हैं। आप लोग को एक केस दिख रहा, यहां सैकड़ों सिमिलर केस हैं इसी तरह के… ये वीडियो कल लीक हुआ… इसीलिए इंटरनेट बैन किया हुआ है।”
पहले दिए अपने एक बयान में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे और मृत्युदंड दिलाने का प्रयास भी करेंगे। उन्होंने कहा कि बुधवार को घटना का वीडियो सामने आने के तुरंत बाद पुलिस की कई टीम का गठन किया गया था और कथित मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे व्यक्ति को थाउबल जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। संबंधित आरोपी 26 सेकंड के वीडियो में प्रमुखता से दिखाई दे रहा है।
पुलिस ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा था कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थाउबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है तथा दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीडियो सामने आने के बाद घटना का तुरंत संज्ञान लेते हुए पुलिस हरकत में आ गई और सुबह पहली गिरफ्तारी की।
सिंह ने ट्वीट किया, ”अत्यंत अपमानजनक और अमानवीय कृत्य की शिकार, जैसा कि व्यथित करने वाले वीडियो में दिखता है, दोनों महिलाओं के प्रति सहानुभूति व्यक्त करता हूं।” उन्होंने कहा, ”वर्तमान में गहन जांच चल रही है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाएगा। स्पष्ट करता हूं कि हमारे समाज में इस तरह के घृणित कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है।”
मणिपुर में तीन मई को इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती समुदाय और पर्वतीय इलाकों में रहने वाले जनजातीय समुदायों के बीच जातीय झड़पें शुरू होने के बाद से हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। राज्य की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि जनजातीय समुदायों-नगा और कुकी लोगों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।