दो दशकों से की जा रही है धमतरी में हाईकोर्ट बेंच की मांग
धमतरी है बस्तर और बिलासपुर का सेंटर, याचिकाकर्ताओं के समय व पैसे की होगी बचत
धमतरी सहित आसपास के कई जिलों के साथ ही सम्पूर्ण बस्तर को मिलेगा धमतरी के हाईकोर्ट बेंच का लाभ

धमतरी। छत्तीसगढ़ पृथक राज्य स्थापना के बाद रायपुर को राजधानी और बिलासपुर को न्यायधानी बनाया गया। इसके पश्चात हाईकोर्ट की स्थापना बिलासपुर में हुई। चूंकि धमतरी से बिलासपुर की दूरी लगभग 200 किमी है। इसलिए किसी मामले में यदि बिलासपुर हाईकोर्ट जाना पड़ता है तो लम्बी दूरी के कारण समय और पैसो की ज्यादा खपत होती है। इसलिए लगभग दो दशक से धमतरी में हाई कोर्ट बेंच स्थापना की मांग की जा रही है। लेकिन आज तक प्रक्रिया आगे तक नहीं बढ़ पाई है।
बता दे कि जिला न्यायलय धमतरी में भव्य भवन है। यहां पर्याप्त स्पेस और कमरे है। जहां हाईकोर्ट बेंच लगाने के लिए पर्याप्त जगह है। सभी सुविधायें भी मौजूद है। जब न्यायलय भवन का निर्माण हो रहा था तभी अधिवक्ता संघ द्वारा धमतरी में हाईकोर्ट बेंच लगाने की मांग रखी थी। इसलिए न्यायलय भवन को भी भव्य बनाया गया। लेकिन अब तक हाईकोर्ट बेंच की मांग अधूरी है। धमतरी में यदि हाईकोर्ट बेंच की स्थापना हो जाती है तो न सिर्फ धमतरी को बल्कि आसपास के कई जिलो जैसे दुर्ग, रायपुर, कांकेर, बालोद, महासमुंद सहित सम्पूर्ण बस्तर क्षेत्र को इसका लाभ होगा। बस्तर की दूरी बिलासपुर हाईकोर्ट से लगभग 500 किमी पड़ती है। दुरस्थ जिलो की दूरी तो सैकड़ो किमी और ज्यादा पड़ती है। ऐसे में यदि धमतरी में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना होती है इन जिलो की पहुंच दूरी भी घटेगी और समय और पैसो की बचत से काफी हद तक राहत मिल पायेगी। जानकारों की माने तो हाईकोर्ट बेंच स्थापना एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है। मुख्य हाईकोर्ट बेंच बिलासपुर में स्थित है। धमतरी या कंही और हाईकोर्ट बेंच स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजा जायेगा। प्रस्ताव के बाद एक सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसमें बेंच की आवश्यकता और उसके प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है। हाईकोर्ट से होकर प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट और इसके बाद केन्द्रीय विधि मंत्रालय को जाता है। मंजूरी की समस्त औपचारिकता पूरी होने पर बुनियादी बेंंच की व्यवस्था करना होता है। इस जटिल प्रक्रिया के चलते अब तक सालों की मांग के बाद भी जिले में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना नहीं हो पा रही है।