संतान की दीर्घायू व सुख समद्धि के लिए माताओं ने रखा व्रत
सुनाई गई कमरछठ की कथा, सगरी की पूजा कर प्रसाद स्वरुप ग्रहण किया पसहर चावल
धमतरी। भादो के कृष्ण पक्ष की छठी तिथि पर हलषष्ठी पर्व मनाया जाता है। आज धमतरी में भी हलषष्ठी मनाया गया। जिसे कमरछठ भी कहा जाता है। आज माताओं ने संतान की दीर्घायु हेतु हलषष्ठी की व्रत रखकर सगरी की पूजा अर्चना की और प्रसाद स्वरुप पसहर चावल ग्रहण किया। बता दे कि पूजा अर्चना में बिना हल जोते उगने वाले पसहर चावल व छह प्रकार के भाजियों का भोग लगाने की परम्परा है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान के सभी कष्ट दूर होते है। माताओं के अतिरिक्त नवविवाहित स्त्रियां भी संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती है। आज शहर सहित जिले भर के विभिन्न स्थानों पर पूजा हेतु सगरी के लिए छोटा गड्ढा खोदकर तालाब बनाकर कांशी और पलाश के पेड़ लगाए गए पूजा अर्चना के पश्चात महिलाओं द्वारा कमरछठ की कथा सुनाई गई। बता दे कि कमरछठ व्रत में भैंस की दूध, दही का ही उपयोग किया जाता है। पूजा पश्चात माताओं द्वारा बच्चों को तिलक लगाकर कंधे के पास पोतनी लगाकर आशीर्वाद दिया जाता है।