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14 को पोला पर्व, शहर में सजा नांदिया बैला का बाजार

छत्तीसगढ़ी परम्परा में पोला पर्व का है विशेष महत्व, बैल, कृषि उपकरणो की होती है पूजा

धमतरी। छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्यौहार पोला पर्व 14 सितम्बर को मनाया जायेगा। छत्तीसगढ़ी परम्परा में पोला पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन किसान बैल व कृषि उपकरणो की पूजा कर हर्षोल्लास से पर्व मनाते है। पोला पर्व पर विशेष छत्तीसगढ़ी पकवान बनाने की भी परम्परा है। पोला पर्व को लेकर शहर में बाजार सज गया है। कुम्हारो ने बताया कि पोला पर्व में बच्चे मिट्टी के बैल एवं पोला जाता सामाग्री से खेलते है। मिट्टी के बैल को नांदिया बैला के नाम से भी जाना जाता है। जो कि विभिन्न कलर एवं साइज अनुसार 30 से 100 रुपये तक है। इसी प्रकार पोला जाता जो कि मिट्टी के किचन पात्र है। इसे बालिकाए खेलती है। जो सेट के हिसाब से 30 से लेकर 100 रुपये तक बिक रहे है।

शहर के घड़ी चौक, सिहावा चौक, गोलबाजार, रामबाग, इतवारी बाजार आदि स्थानों पर पोला का बाजार सजा हुआ है। बता दे कि पोला पर्व कृषि से संबंधित पर्व है। इसलिए गांवो में इस दिन किसानी कार्य पूरी तरह से बंद रहता है। किसान कृषि कार्य में सहयोगी एवं पशुधन कहलाने वाले बैलो की विधिवत पूजा कर उन्नत फसल की कामना करते है। एक जमाने में पोला पर बैल दौड़ स्पर्धा होती थी। इसमें बैलो को सजाकर किसान स्पर्धा में बढ़चढ़ कर भाग लेते थे।

 

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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