अवैध बैनर-पोस्टर से मुख्य मार्गो में लगी रंगीन एलईडी लाईटे हुए खराब
लगभग साढ़े 11 लाख की लागत से साल भर पहले पहले शहर से गुजरे एनएच पर बने डिवायडर पर लगाई गई थी लाईटे
शहर की सुंदरता पर अवैध बैनर पोस्टर लगा रहे ग्रहण, बन रहे दुर्घटनाओं का कारण, अब वसूला जायेगा 20 हजार जुर्माना
धमतरी। शहर के मध्य से गुजरे नेशनल हाईवे पर रोड डिवायडर बनाया गया है। डिवायडर पर विद्युत पोल लगाकर एनएच को रोशन किया जाता है। लेकिन लोग इस विद्युत पोल को अपनी निजी सम्पत्ति समझ जब मन चाहे जैसा चाहे वैसे बैनर पोस्टर लगाकर अपना उल्लु सीधा कर रहे है। लेकिन इससे होने वाले नुकसान की उन्हें कोई परवाह नहीं है।
बता दे कि साल भर पहले लगभग साढ़े 11 लाख रुपये की लागत से शहर में मुख्य मार्गो पर लगे खंभो पर एलईडी लाईटो की स्ट्रिप लगाई थी। यह लाईटे काफी आकर्षक लगती है। इससे शहर की सुन्दरता में चार चांद लग जाता है। लेकिन अब धीरे-धीरे यह एलईडी स्ट्रिप बंद व खराब होने लगी है। इसका मुख्य कारण खंभो में लगे एलईडी स्ट्रिप के ऊपर अवैध बैनर पोस्टर लगाना है। बैनर पोस्टर काफी ऊपर लगाकर तार से इस प्रकार बांधा जाता है कि एनईडी स्ट्रिप क्षतिग्रस्त हो जाता है। जिससे शहर की सुन्दरता बढ़ाने वाली यह मंहगी लाईटे खराब हो रही है। यह एक प्रकार से जनता के पैसो का दुरुपयोग भी है। क्योंकि जनता के पैसो से ही लाखों की एलईडी लाईटे लगाई गई है। वर्तमान में लगभग आधी एलईडी स्ट्रिप बंद पड़ी है। इसी प्रकार बैनर पोस्टर कुछ ही दिनों में खंभो से झुल कर सड़क पर लटकने लगते है। जिससे व्यस्त मार्ग में दुर्घटना की आंशका बढ़ जाती है। पूर्व में भी कई बार झूलते, बैनर, पोस्टर सड़क हादसों का कारण बन चुके है।
सिर्फ चमकानी है अपनी नेतागिरी
लोगो ने चर्चा के दौरान कहा कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियो व नेताओं को जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। उन्हें बस अपनी राजनीति चमकानी है। राजनीतिक आयोजन बड़े नेताओं के आगमन व अपना प्रचार, प्रसार करने के लिए बिना अनुमति खंभो पर बैनर पोस्टर लगा देते है। निगम द्वारा इस कार्य में खानापूर्ति अब तक बरती गई है। कार्यक्रम और अवसर निकलने के काफी दिनों बाद अवैध, बैनर पोस्टर को जब्त किया जाता है। लेकिन तब तक इनका उद्देश्य पूरा हो चुका होता है। अब 20 हजार जुर्माना वसूलने की बात निगम कर रही है। अब देखना यह होगा कि इस चुनावी समय में जब आये दिन ऐसे बैनर पोस्टर वार होंगे। तब क्या पक्ष और विपक्षी पार्टी से निगम जुर्माना वसूल पाती है?