स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंगदान की ली गई प्रतिज्ञा
धमतरी/ जिला चिकित्सालय धमतरी में आज अंगदान के लिए प्रेरित करने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.के.मण्डल सहित अधिकारी, कर्मचारियों ने शपथ ली। प्रतिज्ञा में कहा गया कि हम अपनी मृत्यु के बाद जो भी मेरे अंग और उत्तक उपयोग के लिए हो सकते हैं, वो सभी दान करेंगे, ताकि जिनको आवश्यकता हो, उन्हें नई जिंदगी की नई आस बना सकें। हमारे देश में प्रतिरक्षण के लिए अंग और उत्तकों की कमी को देखते हुए हम यह भी प्रतिज्ञा लेते हैं कि अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्तों और नागरिकों को अपनी मृत्यु के बाद अंगों की दान करने के लिए प्रोत्साहित करने सभी प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर डॉ. मण्डल ने बताया कि अंगदान से गंभीर और लाइलाज बीमारी से एक नई जिंदगी मिल जाती है। किसी जीवित या मृत व्यक्ति के शरीर के टिश्यू अथवा किसी अंग का दान करना ही अंगदान कहलाता है। यह टिश्यू या अंग किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। अंगदान में 8 अंगों-किडनी, लीवर, फेफड़ा, हृदय, पैंक्रियास और आंत का होता है। वर्ष 2014 में इस सूची में हाथ और चेहरे को भी शामिल कर दिया गया है। कोई जिंदा व्यक्ति चाहे तो वह एक किडनी, एक फेफड़ा, लीवर का कुछ हिस्सा, पैक्रियास और आंत का कुछ हिस्सा दान कर सकता है।
कैसे करते हैं अंगदान
अंगदान के लिए पहले स्वीकृति देनी होती है और यह काफी आसान है। इसके लिए ऑफलाईन 10 रूपये के स्टाम्प पेपर पर अपनी स्वीकृति/ऑनलाईन नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाईजेशन के साथ रजिस्टर किए जाते हैं, जो कि पूर्णतः निःशुल्क होता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 104 या जिला अस्पताल से सम्पर्क किया जा सकता है।