कनाडा NSA ने महीने भर में 2 बार किया भारत का दौरा, निज्जर केस में किस ओर है अमेरिका…
कनाडा और भारत के बीच खुफिया स्तर पर महीने में दो बार बातचीत हो चुकी है।
इस सिलसिले में कनाडा की एनएसए जोडी थॉमस ने दो बार भारत का दौरा किया। उन्होंने भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की।
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान जोडी थॉमस कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ भारत आईं। उधर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की रहस्यमयी मौत के सिलसिले में अमेरिका का भी कहना है कि इस मसले पर वह दोनों देशों के संपर्क में है और उचित कार्रवाई का समर्थन करता है।
अमेरिका कानूनी तरीके से इस बात की तह तक पहुंचने का समर्थन करता है ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जोडी थॉमस और अजीत डोभाल के बीच निज्जर की हत्या के सिलसिले में जांच सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने और भारतीय एजेंसियों से जरूरी सहयोग मांगने के मुद्दे पर चर्चा हुई होगी।
बता दें भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय खुफिया एजेंटों के इस केस से जुड़े होने का मुद्दा उठाया, जिसे भारत ने सिरे नकार दिया।
कनाडाई संसद को दिए अपने बयान में ट्रूडो ने कहा, “पिछले कई हफ्तों से कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में आरोपों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही हैं।”
वहीं भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया है। भारत ने कनाडा पर खालिस्तान अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और निज्जर की हत्या पर कोई विशेष जानकारी साझा नहीं करने का आरोप लगाया है।
अब इस केस के सिलसिले में अमेरिका का भी पक्ष सामने आया है। अमेरिका ने कहा है कि वह निज्जर की हत्या में भारत से जुड़े आरोपों की जांच करने के कनाडा के प्रयासों का समर्थन करता है।
अमेरिका ने कहा कि किसी भी देश को ऐसी गतिविधियों के लिए कोई विशेष छूट नहीं है। इस मुद्दे पर अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन ने कहा कि उनका देश निज्जर की मौत के सिलसिले में पुख्ता जांच को लेकर कनाडा और भारत दोनों के संपर्क में है।
सुलिवन से जब कनाडा के पीएम के बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मैं निजी राजनयिक बातचीत की तह में नहीं जा रहा हूं, लेकिन हम अपने कनाडाई समकक्षों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
हम उनके साथ करीबी तौर पर परामर्श कर रहे हैं। हम इस जांच में उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करते हैं और हम भारत सरकार के भी संपर्क में हैं।”