कनाडा में दूतावासों पर हमले और धमकी झेल रहे, किसी और देश पर गुजरती तो क्या करता: एस जयशंकर…
भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों से बड़ा सवाल किया है।
उन्होंने कहा है कि आज हमारे दूतावासों पर हमले हो रहे हैं। वहां तैनात हमारे अधिकारी धमकी झेल रहे हैं। उन्होंने पूछा है कि अगर किसी और देश के साथ ऐसा होता तो क्या होता? जयशंकर ने कहा, “आज हिंसा का माहौल है।
डराने-धमकाने का माहौल है। हमारे दूतावास पर धुआं बम फेंके गए हैं। हमारे जो वाणिज्य दूतावास हैं, उनके सामने हिंसा हुई है। अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाना बनाया गया है। उन्हें डराया गया है। पोस्टर लगाए गए हैं।”
उन्होंने नसीहत देने वाले देशों से पूछा है, ”मुझे बताएं, क्या आप इसे सामान्य मानते हैं? अगर ऐसा किसी दूसरे देश के साथ हुआ होता तो वे इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे?” विदेश मंत्री ने आगे कहा, ”कनाडा में जो कुछ हो रहा है उसे सामान्य नहीं बनाना चाहिए। मुझे लगता है कि वहां जो हो रहा है उसे उजागर करना जरूरी है।”
वीजा के सवाल पर क्या बोले विदेश मंत्री?
वीजा के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा, ”अभी ऐसा माहौल है जहां हमारे दूतावास, हमारे उच्चायुक्त, हमारे वाणिज्य दूतावास पर एक तरह से दबाव है, उनके खिलाफ हिंसा का प्रचार हो रहा है। ऐसे माहौल में वे वीजा का काम कैसे निभा सकते हैं। ये कानून-व्यवस्था का विषय है।
वियना कन्वेंशन के तहत हर देश की जिम्मेदारी होती है कि वहां के दूतावास और दूतावास में काम करने वालों को सुरक्षा दी जाए। आप इसे द्विपक्षीय मत बनाइए। ये माहौल भारत में नहीं है। प्रदर्शन कनाडा में हो रहे हैं, धमकी कनाडा में दी जा रही हैं, कनाडा सरकार को अपने यहां कार्रवाई करनी चाहिए।”
कोई सबूत है तो हमें दो, कार्रवाई करेंगे: जयशंकर
वाशिंगटन डीसी में एस जयशंकर ने आगे कहा, “मेरी समझ यह है कि कनाडा के द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द आरोप है। मैंने पहले ही इसका जवाब दे दिया है।
मैंने हमेशा कहा है कि अगर कोई जानकारी है तो हमें बताओ। ऐसा नहीं है कि किसी चीज को देखने के लिए हमारे दरवाजे बंद हैं। अगर किसी चीज को हमें दिखाने की आवश्यकता है, तो हम उसे देखने के लिए तैयार हैं। लेकिन फिर हम कहीं न कहीं उम्मीद करते हैं कि वास्तव में देखने के लिए भी कुछ हो।”
रूस के साथ भारत के संबंध स्थिर हैं: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध भले ही ‘शानदार’ न हों लेकिन दोनों के बीच रिश्ते स्थिर हैं।
उन्होंने आशा जताई कि रूस एशिया पर अधिक ध्यान देगा क्योंकि पश्चिम के साथ उसके रिश्ते ‘टूट गये’ हैं। जयशंकर ने प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे यूक्रेन में चल रही लड़ाई के बीच रूस के साथ भारत के संबंध के बारे में सवाल किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में हर बड़े अंतरराष्ट्रीय संबंध में उतार-चढ़ाव नजर आये हैं लेकिन भारत और रूस के बीच संबंध काफी हद तक स्थिर रहे हैं।