Uncategorized

जिस लम्हेटा घाट में राजा हरिश्चन्द्र से श्रीराम के पूर्वजों का तर्पण हुआ,यहीं अनजान पितरों का भी किया पिंडदान

20 साल में स्वर्गधाम सेवा समिति ने 589 अनजान लाशों का किया अंतिम संस्कार

14 अक्टूबर को रुद्री स्थित रुद्रेश्वर महादेव घाट में किया जाएगा सामूहिक तर्पण एवं पिंडदान
धमतरी । मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा सच है मौत और शव इसका प्रत्यक्ष प्रमाण। लेकिन कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि कई लाशों का परंपरा अनुसार अंतिम संस्कार नहीं हो पाने से मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती। ऐसे ही मृतात्माओं को मोक्ष दिलाने वर्ष 2004 में धमतरी से एक हृदयस्पर्शी प्रयास हुआ। स्वर्गधाम सेवा समिति का उदय हुआ। जिसके बाद से आज तक एक भी लाश लावारिश नहीं कहलाया। इस संस्था के अध्यक्ष एवंत गोलछा है और महासचिव अशोक पवार। महासचिव अशोक पवार ने कहा कि 25 साल पहले धमतरी के जिला अस्पताल में एक लाश पड़ी थी। लोगों से पूछा तो पता चला कि इस लाश का कोई वारिश नहीं है,इसलिए इसका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा। यह दृश्य देख मन विचलित हो गया और 2004 में फिर स्वर्गधाम सेवा समिति की स्थापना कर अनजान लाशों के अंतिम संस्कार कर रहे। अबतक हमारी संस्था 589 लाशों को सदगति दे चुकी है। यही नहीं समिति द्वारा हर साल पितृ मोक्ष अमावस्या पर सभी मृतात्माओं का सामूहिक तर्पण करते हैं। इस साल भी 14 अक्टूबर 2023 को रुद्री स्थित रुद्रेश्वर महादेव घाट में सामूहिक तर्पण एवं पिंडदान किया जाएगा। अशोक पवार ने बताया कि 2021 में प्रयागराज, बनारस , गया जी एवं 2023 में नर्मदा जी के लम्हेटा घाट में सभी अनजान पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान एवं तर्पण किया गया। लम्हेटा घाट वही घाट है जहाँ राजा हरिश्चन्द्र से लेकर राजा श्रीराम के पूर्वजों का तर्पण हुआ था।
तरसीवां बस्ती में हुआ सम्मान
2009-10 में एक घटना हुई। एक महिला अपने पति को इलाज के लिए शहर के गुप्ता अस्पताल लाई थी। तबियत ज्यादा खराब थी, इसलिए महिला पति के स्वास्थ्य लाभ के लिए मां अंगारमोती में मन्नत मांगने गई। इसी दरम्यान वह बांध के पानी मे डूब गई। 4 दिन बाद लाश पानी से बाहर आई। पहचान नही हो पाने और बॉडी गल जाने के चलते स्वर्गधाम सेवा समिति ने महिला का हिन्दू रिवाज से अंतिम संस्कार किया। कुछ दिनों बाद महिला की पहचान तरसीवा निवासी के रूप में हुई। परिवार वाले स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार से मिलने आए और धन्यवाद दिए। साथ ही तरसीवा के पूरे ग्रामीणों ने अशोक पवार का गांव में ही सम्मान किया।
सुख समृद्धि के साथ भगवान का सानिध्य मिलता है- अशोक पवार

स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार ने कहा कि इस काम में जो सुकून है वो मैं बया नहीं कर पाऊंगा,क्योकि इसके लिए मैं शब्दहीन हू। इसका फर्क मेरे कुल में भी दिख रहा। परिवार में सुख,शांति का घेरा है। आज मैं एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि 2004 में अगर मुझे जिला अस्पताल के गेट में मोक्ष के लिए तरस रही महिला की लाश नहीं दिखती ,तो शायद यह काम शुरू नहीं हो पाता। मैं और मेरा परिवार मेरे से जुड़े लोग आज भी यह कहते है कि गुल्ला सर भगवान ने आपकों इस विशेष काम की जिम्मेदारी दी है और आप अपने इस नेक कार्य को तत्परता से निभा रहे। उन्होंने कहा कि माता पिता एवं जाने – अनजाने पितरों की सेवा से सुख ,समृद्धि, के साथ भगवान का सानिध्य भी मिलता है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!