धमतरी विस में नहीं रहा भाजपा-कांग्रेस के अतिरिक्त किसी राजनीतिक पार्टी का विशेष प्रभाव
गत विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अतिरिक्त भी 5 अन्य पार्टियां थी मैदान में
पांचो अन्य पार्टियों सहित 11 में 10 निर्दलीय प्रत्याशियों की हो गई थी जमानत जप्त
धमतरी। चुनाव के तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी माहौल गरमा गया है। दो चरणों में प्रदेश में चुनाव होंगे। दूसरे चरण 17 नवम्बर को धमतरी विस में मतदान होगा। वर्तमान में चहुओर चुनाव की चर्चा हो रही है यदि गत साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव पर नजर डाले तो यह स्पष्ट होता कि धमतरी विधानसभा में दो ही मुख्य राष्ट्रीय पार्टियां भाजपा और कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। इसके अतिरिक्त किसी अन्य पार्टी ने जनता में प्रभाव नही डाल सकी। हालांकि चुनाव में यह पार्टियां भाग्य आजमाती रहती है लेकिन सफलता तो दूर की बात संतोष जनक मत भी नही मिल पाते है। साल 2018 के चुनाव में धमतरी विस से कुल 18 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें भाजपा प्रत्याशी रंजना साहू, कांग्रेस प्रत्याशी गुरुमुख सिंह होरा, निर्दलीय आनंद पवार को जनता ने सम्मान जनक वोट दिया था। शेष 15 उम्मीदवारों की जमानत ही जप्त हो गई है।
यहां तक कि नोटा (इनमें से कोई नही) को भी इन उम्मीदवारो से ज्यादा वोट मिले थे। साल 2018 में भाजपा-कागं्रेस के अतिरिक्त 5 अन्य पार्टियां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे, पिछड़ा समाज पार्टी युनाईटेड, आम आदमी पार्टी शामिल है। इस बार कुछ नयी क्षेत्रीय पार्टियां भी चुनावे लडऩे का ऐलान पहले ही कर चुकी है। इससे इस चुनाव में कुछ और पार्टियां चुनाव लड़ सकती है। 2018 में 7 पार्टियों के अलावा 11 निर्दलीय भी मैदान में भाग्य आजमा रहे थे। लेकिन आंनद पवार के अतिरिक्त किसी भी प्रत्याशी ने संतोषजनक मत प्राप्त नहीं किया।
इस बार भी हो सकती है सीधी टक्कर
अभी तक जिस प्रकार माहौल बना हुआ है। उससे चर्चा है कि इस बार भी भाजपा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला होगा। और यदि बगावत के सुर उठे तो यह संबधित पार्टी प्रत्याशी के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। बता दे कि कुछ पार्टियां ऐसी है जो कि सिर्फ चुनाव लड़ते है और शेष मौको पर उनकी सक्रियता नहीं रहती। और तो और न तो धमतरी में इनकी कार्यकारिणी है न ही ठीक ठाक कार्यकर्ता ऐसे में चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करना भी बेईमानी होगी।