गोल बाजार का पुनर्निर्माण व विकास कार्य फाईलों तक ही सीमित
निगम बजट में अब तक कई बार किया जा चुका है करोड़ो का प्रावधान, नही मिल पाई स्वीकृति
सालों पहले दुकानों को किया जा चुका है जर्जर घोषित, बनी रहती है हादसे की आंशका
धमतरी। शहर के मध्य हृदय स्थल पर स्थित गोल बाजार के पुनर्निर्माण और विकास कार्य फाईलों तक ही सीमित है। आज तक धरातल पर विकास उतर नहीं पाया है। नजीतन सालों पहले जर्जर हो चुके भवनों शेड में बाजार संचालित हो रही है। इससे खतरे की आंशका बढ़ गई है। ज्ञात हो कि दशकों से बालक चौक के पास गोल बाजार संचालित हो रहा है। उक्त बाजार पूरे जिले में प्रसिद्ध है। इस बाजार में कई सब्जी व किराना, फैंसी, कपड़े व अन्य दुकानें संचालित हो रही है। दुकानों के दीवारों पर दरारे सालों से बनी हुई है। यहां तक कि दुकानों की सीलिंग से पपड़ी उखड़ते रहती है। जिसे दुकानदारों द्वारा मरम्मत कराकर काम चलाया जा रहा है। पूर्व में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कराये गये सर्वे में इस बाजार को जर्जर घोषित किया जा चुका है। साथ ही बाजार को डिस्मेंटल कर नया बनाने की आवश्यकता बताई जा चुकी है। बाउजूद इसके बाजार का विकास व पुनर्निर्माण सालों बाद भी नहीं हो पाया है। निगम बजट में विगत कई वर्षो से गोल बाजार के विकास के लिए राशि का प्रावधान किया जा रहा है। लेकिन स्वीकृति के इंतजार में विकास कार्य फाईलों तक ही सीमित रह गया है। सत्र 2022-23 के नगर निगम बजट में गोल बाजार के विकास व पुनर्निर्माण हेतु 14.70 करोड़ के राशि का प्रावधान किया गया था। पहले यह राशि कम थी जो कि साल दर साल बढ़ती जा रही है। लेकिन स्वीकृति का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है। गोल बाजार में न सिर्फ सब्जी फल की बिक्री होती है बल्कि फूल कपड़े किराना फैंसी, सीजनेबल व अन्य सामान की बिक्री होती है। गोल बाजार के बाहर भी शहर का मुख्य बाजार स्थित है। इसलिए गोलबाजार में हमेशा रौनक बनी रहती है तीज, त्यौहारो और विशेष मौको पर तो यहां भीड़ कई गुणा बढ़ जाती है। ऐसे व्यस्त और हमेशा भीड़ भाड़ वाले गोल बाजार का पुनर्निर्माण और विकास होना आवश्यक है।
व्यवस्थित हो पायेगा व्यापार और यातायात
बता दे कि दशकों से संचालित हो रहे गोलबाजार अव्यवस्थित है यहां पार्किंग आदि की भी व्यवस्था नहीं है। यदि गोल बाजार को डिस्मेंटल कर मल्टी स्टोरी और व्यवस्थित तरीके से बनाया जायेगा तो यहां पार्किंग का स्पेश तो बन पायेगा ही बल्कि मल्टी स्टोरी भवन होन ेके कारण व्यापार के अन्य विकल्प बढ़ेंगे। राजस्व आय में वृद्धि होगी। शहर के हृदय स्थल में होने के कारण दुकान आफिस हाथों हाथ बिक जायेंगे।