कुरुद नगर में हर्षोउल्लास मनाया जा रहा है दीपावली पर्व, की गई भगवान गौरा गौरी की शोभायात्रा
गौरा समितियों द्वारा पारंपरिक गड़वा बाजे की मोहक धुन पर विधि विधान के साथ उत्सव के नियमों का किया गया निर्वहन
मूलचन्द सिन्हा
कुरूद- कुरूद नगर में धूमधाम के साथ भगवान गौरी-गौरा की विधिवत स्थापना की गई। जगमग दीए और फटाखों की गूंज के बीच छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा अनुसार भगवान शिव व माता पार्वती गौरी-गौरा की विधिवत स्थापना की गई। पूरी रात्रि गौरा समितियों द्वारा पारंपरिक गड़वा बाजे की मोहक धुन पर विधि विधान के साथ इस उत्सव के नियमों का निर्वहन किया. फिर आज भगवान गौरा गौरी की शोभायात्रा निकाली गई.जिसमे लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए.
मिली जानकारी अनुसार कुरूद नगर में संजय नगर, शांति नगर, सरोजनी चौक, बैगा पारा, कलार पारा, गोडपारा, दानीपारा, इंदिरा नगर, पचरीपारा, सिरसा चौक आदि स्थानों पर परंपरा अनुसार विधिवत भगवान गौरी-गौरा की स्थापना हुई। जिसका विसर्जन गोवर्धन पूजा के दिन दोपहर में किया जाएगा।विदित है कि छत्तीसगढ़ की लोक परम्परा में गौरी-गौरा पर्व यहां की संस्कृति व आस्था में काफी महत्व रखता है। इस अवसर पर गोंड़ जनजाति सहित सभी समाज के लोग उत्साह पूर्वक शामिल होकर मनाते है। इस उत्सव में एक दिन पूर्व शाम (दीपावली की शाम ) को सामूहिक रूप से लोक गीत का गायन करते जाकर तालाब आदि शुद्ध स्थान से मिटटी लेकर आते है। फिर उस मिटटी से रात के समय अलग अलग दो पीढ़ा में गौरी (पार्वती) तथा गौरा (शिव जी ) की मूर्ति बनाकर चमकीली पन्नी से सजाया जाता है। सजा-धजा कर उस मूर्ति वाले पीढ़े को सिर में उठाकर बाजे-गाजे के साथ गाँव के सभी गली से घुमाते – परघाते चौक-चौराहे में बने गौरा चौरा के पास लेकर आते है।