22 लाख क्विंटल हुई धान खरीदी, साढ़े 16 लाख क्विंटल का मिलरों ने किया उठाव
कस्टम मीलिंग के लिए 181 मिलर्स है पंजीकृत, 20 लाख क्विंटल का डीओ हुआ जारी
धमतरी। जिले में 1 नवम्बर से धान खरीदी जारी है। 1 लाख 24 हजार 424 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने पंजीयन कराया है। जिनसे अब तक लगभग 22 लाख क्विंटल से अधिक की धान खरीदी की जा चुकी है। धान खरीदी जिले के 74 सोसायटियों के 100 खरीदी केन्द्रो में हो रही है। खरीदी के साथ ही जाम की स्थिति उत्पन्न न हो व कस्टम मीलिंग का कार्य खरीदी के साथ ही चलता रहे इस हेतु जिला विपणन संघ एवं अन्य विभागो द्वारा समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है।
जिला विपणन कार्यालय धमतरी से मिली जानकारी के अनुसार 22 लाख क्विंटल खरीदी हो चुकी है। वहीं 20 लाख क्विंटल धान के उठाव हेतु मिलरों को डीओ आर्डर जारी किया जा चुका है। जिसमें लगभग साढ़े 16 लाख क्विंटल धान का उठाव किया जा चुका है। जबकि केन्द्रो में मात्र साढ़े 6 लाख क्विंटल धान पड़ा है। अभी तक किसी भी केन्द्रो में धान जाम होने से खरीदी प्रभावित होने की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है। इस ओर विपणन संघ द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उठाव के मामले में धमतरी जिला की स्थिति प्रदेश के अन्य जिलो से बेहतर है। उठाव के पश्चात कस्टम मीलिंग का कार्य मिलरों द्वारा किया जा रहा है। बता दे कि अब तक 181 राईस मिलरों द्वारा कस्टम मीलिंग के लिए पंजीयन कराया गया है।
नान में सबसे ज्यादा हुआ 21965 मीट्रिक टन चावल जमा
धान उठाव के पश्चात मिलरों द्वारा कस्टम मीलिंग तेजी से किया जा रहा है। मीलिंग के पश्चात नागरिक आपूर्ति निगम (नान) व भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में चावल जमा कराया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक चावल नान में 21965 मीट्रिक टन जमा कराया जा चुका है। वहीं एफसीआई में 2345 मीट्रिक टन चावल जमा हो चुका है। धीरे-धीरे मीलिंग की गति और तेज होगी।
पिछला चावल जमा करने मिलरों को मिला 31 दिसम्बर तक समय
पिछले सत्र के दौरान धान खरीदी केन्द्रो से पंजीकृत मिलरों द्वारा कस्टम मीलिंग हेतु धान उठाया गया था जिसमें से अधिकांश मिलरों ने धान की मीलिंग कर चावल जमा करा दिया था। लेकिन जिले के 24 मिलरों ने लगभग 13 मीट्रिक टन चावल अब तक जमा नहीं कराया है। जिसके पश्चात कई बार जिला विपणन संघ द्वारा चावल जमा कराने निर्देश जारी किया गया लेकिन मिलर्स इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। ऐसे में पंजीयन के समय मिलरों द्वारा जमा कराये गये प्रतिभूति राशि को जब्त करने की प्रक्रिया की जानी थी इसी बीच सरकार ने मिलरों को एक और अवसर प्रदान करते हुए 31 दिसम्बर 2023 तक चावल जमा कराने का समय दिया है।