भव्य कलश यात्रा के साथ हुई कुर्मी समाज की कुर्मी संझा का शुभारंभ
मूलचंद सिन्हा
कुरुद । कुर्मी समाज का वार्षिक आयोजन कुर्मी संझा पुरानी मंडी कुरुद में आयोजित हुआ जिसका शुभारंभ महिलाओ की भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा सुबह 11 बजे चंडी मंदिर से प्रारंभ होकर पुराना बाजार से होते हुए नया बाजार ये पुरानी मंडी पहुंची। प्रथम सत्र के कार्यक्रम में मुख्यअतिथि व्हीएस निरंजन थे। अध्यक्षता विजय बघेल ने की। विशिष्ट अतिथि लता ऋषि चंद्राकर, धीरज पाटीदार, श्याम बैंस नारायण चंदेल, अध्यक्षता टंकराम वर्मा, अग्नि चंद्राकर, नीलम चंद्राकर, तारिणी चंद्राकर महेंद्र चंद्राकर, ईश्वरी वर्मा, छाया अमृत, दिनेश गौतम, कपिल कश्यप, पुष्पा नारायण चंद्रा, जागेश्वर वर्मा, पुष्पेंद्र चंद्राकर, जवाहर वर्मा, केवल वर्मा, पद्मिनी चंद्राकर, नविता चंद्राकर, रीना वर्मा, दीपेश चंद्राकर, हिमांशु वर्मा रहे। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिथि कुरुद विधायक अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक और ललित चंद्राकर होंगे। इस अवसर पर मुख्यअतिथि व्हीएस निरंजन ने कहा कि समाज के विकास और सामाजिक एकता के लिए ऐसे सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियों का होना आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित युवाओं से बेहतर भविष्य की दिशा में कार्य करने, छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की बात कही। उनका कहना था कि सदैव समाज की अच्छाइयों को आत्मसात कर और समाज के पुरोधाओं के आदर्श पर चलकर समाज हित मे कार्य करे। छत्तीसगढ़ प्रदेश कुर्मी क्षत्रिय समाज के प्रदेशाध्यक्ष विजय बघेल ने धमतरी जिले की हरियाली और बहु फसल भूमि की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे समाज का बड़ा इतिहास रहा है। उन्होंने बताया कि समाज का संगठन 1938 में समाज के पुरोधाओं द्वारा स्थापित किया गया था। जो अब वृहत रूप ले रहा है। श्री बघेल ने बताया कि 2000 पहला अधिवेशन यह कुरूद में 13 वा अधिवेशन है। और 22वा कुर्मी सांझा का आयोजन धमतरी जिले के कुरूद में किया जा रहा है। कलश यात्रा के बाद राज गीत अतिथि स्वागत, स्वागत भाषण, समाज का प्रतिवेदन, वल्लभ भाई पटेल ट्रस्ट का प्रतिवेदन, कुर्मी गौरव सम्मान, छात्र प्रतिभा सम्मान, उपजाति प्रमुखों का उद्बोधन, जिला इकाइयों का प्रतिवेदन अध्यक्ष उद्बोधन, सांस्कृतिक कार्यक्रम फिर आभार हुआ। आयोजन में तपन चंद्राकर, छत्रपाल बैस, ज्योति चंद्राकर, नेहा चंद्राकर, ईश्वरी चंद्राकर, शिल्पा चंद्राकर, नीतू चंद्राकर, राखी चंद्राकर, संतोषी चंद्राकर, नेहा बैस, संतोष बैस, केशव बैस, नीलकमल चंद्राकर, पदमनी चंद्राकर, भावना बैस, नर्मदा चंद्राकर, पन्ना चंद्राकर, कृतेश, दीपक चंद्राकर, मनोज चंद्राकर, योगेश मोंटू चंद्राकर, अभिषेक बैस, दीपेश चंद्राकर, एवीस वर्मा, केवल वर्मा, सत्यम चंद्राकर, केशव चंद्राकर, दीपक बैस, बैद्यनाथ चंद्राकर, खिलेन्द्र चंद्राकर, कृष्ण कुमार बैस, डॉ प्रवीण चंद्राकर, जीतेन्द्र चंद्राकर, भानुप्रताप बैस, प्रदीप चंद्राकर, वासुदेव चंद्राकर, योगेश मोंटू चंद्राकर, बीरेंद्र बैस, भारती बैस, दुर्गा बैस, नविता चंद्राकर, दुर्गेश्वरी, भावना बैस, भारती चंद्राकर, श्वेता, कविता चंद्राकर, डॉ रूचि चंद्राकर, कमलेश चंद्राकर, भोजराज चंद्राकर, विकास चंद्राकर प्रमुख रुप से मौजूद रहे।