शिवलिंग के ऊपर चढ़ाए गए प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए, नीचे चढ़ाए गए प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं – स्वामी भास्करानंद
माहेश्वरी सभा के तत्वाधान में चम्पारण्य धाम में सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन
धमतरी । छत्तीसगढ़ प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के मार्गदर्शन एवं धमतरी जिला माहेश्वरी सभा के तत्वाधान में महाप्रभु वल्लभाचार्य की प्राकट्य स्थली चम्पारण्य धाम में 7 से 13 जनवरी तक सात दिवसीय श्रीशिव महापुराण कथा आयोजित है। चम्पारण्य की पावन भूमि में स्थित श्री गोपाल धर्मशाला के मैदान में प्रतिदिन दोपहर 3 से 7 बजे तक श्री शिव महापुराण कथा वृन्दावन बृजधाम में संत महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज के श्रीमुख से प्रतिदिन हजारों श्रोतागण रसपान कर रहे हैं।
स्वामी जी ने श्रोतागण से कहा कि माया अंधकार का रूप है, अपने जीवन में भक्ती का दीप जलाकर इस माया रूपी अंधकार को मिटाना है। स्वामी जी ने कथा में बेल पत्र एवं एक मुखी, दो मुखी, तीन मुखी, पांच मुखी रूद्राक्ष का महत्व भी बताये। स्वामी जी ने प्रसाद के संबंध में कहा कि शिवलिंग के ऊपर चढ़ाए गए प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए, शिवलिंग के नीचे चढ़ाए गए प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। कार्यक्रम के प्रथम दिवस 8 से 10 जनवरी तक 51 पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर एवं 11 हजार रूद्राक्ष रखकर पूजन किया गया। 9 जनवरी को रात्रि 8 बजे से प्रख्यात वक्ता साध्वी कृष्णानन्द के मुखार विन्द से सुंदरकांड पाठ हुआ।
10 जनवरी को नि:शुल्क नेत्र रोग निदान, दंत रोग एवं कान, नाक, गला रोक निवारण शिविर का आयोजन किया गया जो सुबह 9 बजे से 2 बजे तक दोपहर था। शिविर में डॉ. आनंद परतानी नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. सतीश राठी कान, नाक, गला विशेषज्ञ, डॉ. श्रीकान्त जाजू दंत रोग विशेषज्ञ अपनी सेवाएं नि:शुल्क प्रदान की।
इस शिविर में लगभग 500 लोगों ने शामिल होकर स्वास्थ्य लाभ उठाया। पंजीयन कार्य में अमित राठी, संजीव एवं राहुल लाखोटिया ने अपनी सेवाएं दी। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में के.के. चांडक अहमदाबाद, नारायण जी राठी रायपुर एवं जगदलपुर से श्री सोमानी जी तथा सुभाष भट्टड़, सुरेश मुंदड़ा, नंदकिशोर राठी, प्रतीक भट्टड़ अभनपुर, राजेन्द्र माहेश्वरी के अलावा समाजजन उपस्थित थे।