पानी की किल्लत से जूझ रही जनता दूसरी ओर रोजाना व्यर्थ बह रहा हजारों लीटर पानी
जल संरक्षण, संवर्धन पर नहीं दिया जा रहा ध्यान, बिना टोटी वाले नलो से हो रही पानी की बर्बाद
वार्डो में लगे सार्वजनिक बोर, पाईप लाईन में है लीकेज, पानी की बर्बादी रोकने निगम नहीं दे रही ध्यान
धमतरी. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से लोग जूझ रहे है। कुछ स्थानों पर दैनिक उपयोग के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है तो कुछ स्थानों पर रोजाना ही पानी की बर्बादी हो रही है। नगर निगम भी पानी की बर्बादी रोकने ध्यान नहीं दे रही है। बता दे कि मार्च माह से ही शहर का जल स्तर नीचे चला गया है। शहर का जल स्तर इस साल 18 मीटर से ज्यादा नीचे चला गया ऐसे में कई हैण्डपंप सूख चुके है। कई हैण्ड पंप से पर्याप्त पानी नही निकल रहा है। वार्डो में निगम द्वारा पाईप लाईन के माध्यम से पानी घर-घर पहुंचाने 150 से अधिक बोर कराया गया है। पानी का लेवल नीचे जाने के कारण कई बोर में पानी की धार कम हो गई है। जिससे घरों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा है। इस सार्वजनिक बोर के तहत वार्डो में कई स्थानों पर सार्वजनिक नल भी लगाये गये है। इनमें से कई नलो में टोटी ही नहीं है। ऐसे में कुछ मिनट आसपास के लोगों द्वारा पानी भरने के बाद से नलो का पानी व्यर्थ ही नालियों में बहता रहता है। लोगों का कहना है कि टोटी लगाने से पानी का फोर्स कम हो जाता है। इसलिए टोटी नहीं लगाते। लेकिन लोगों की यह जल्दबाजी के कारण रोजाना कई नलों से हजारों लीटर पानी व्यर्थ नालियों में बह जाता है। इसी प्रकार निगम द्वारा वार्डो में कराये गये बोर के पाईप लाईन में कई स्थानों पर लीकेज है। जिनसे भी पानी रोजाना व्यर्थ बह जाता है। पानी की बर्बादी रोकने हेतु इन लीकेज को सुधारना होगा। इससे डायरिया का खतरा भी कम होगा।
नगर निगम द्वारा रोजाना प्रति व्यक्ति के हिसाब 135 लीटर औसतन पानी दिया जा रहा है। इस प्रकार रोजाना 1.40 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई होती है। बाउजूद इसके जल संकट की स्थिति बन रही है। निगम द्वारा शहर भ्रमण कर ऐसे नलों को चिन्हाकिंत करना चाहिए। जिनमें टोटी नहीं है। वहां टोटी लगा कर लोगों को समझाईश देकर पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है।
पूर्व में कुछ संस्थाओं द्वारा पानी की बर्बादी रोकने किया गया था प्रयास
पिछले कुछ सालों में शहर में विशेषकर गर्मी के मौसम में पानी की बर्बादी रोकने का प्रयास शहर की कुछ संस्थाओं द्वारा किया गया था। जिसके तहत लोगों को पानी की उपयोगिता और महत्व से अवगत करा कर जल संरक्षण और बर्बादी रोकने प्रेरित किया था। कुछ संस्थाओं द्वारा नि:शुल्क टोटी भी बांटी गई। सूचना पर मौके पर जाकर जागरुक नागरिकों द्वारा नलों में स्वयं टोटी लगाते थे। ऐसे ही किसी प्रकार की प्रयास की आवश्यकता फिर से महसूस हो रही है।