सिख समाज हर्षोउल्लास से मना रहा बैसाखी पुरब पर्व
गुरुद्वारा में सजा विशेष दीवान, हुआ श्री अखण्ड पाठ साहेब, शबद कीर्तन, हजुरी रागी व अन्य धार्मिक आयोजन
श्री गुरु गोविंद सिंघ ने सन 1699 में की थी खालसा पंथ की स्थापना तब से मनाया जाता है बैसाखी पर्व
बैसाखी पर्व से होती सिक्खो की नववर्ष की शुरुवात
धमतरी। सिक्ख समाज द्वारा हर्षोल्लास से बैसाखी पुरब पर्व (खालसा साजना दिवस) हर्षोल्लास से मनाया जा जा रहा है। आज सुबह गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा भवन में श्री अखण्ड पाठ साहेब सुबह हुआ। सुबह 10 से 10.30 बजे तक शबद कीर्तन हुआ। जिसमें समाज के सभी वर्ग शामिल हुए। सुबह 10.30 से 12 बजे तक कीर्तनी जत्था गुरदीप सिंघ व मनप्रीत कौर खासला द्वारा किया गया।
देपहर 12 बजे से हजुरी रागी जत्था अरुणदीप सिंघ द्वारा किया गया। दीवान की पूरी सम्पन्नता इसके पश्चात की गई। बता दे कि बैसाखी पर्व पर आज विशेष दीवान सजाया गया। इसके पूर्व शुक्रवार को सुबह शाम विविध धार्मिक कार्यक्रम हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में सिक्ख समाजजन शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि बैसाखी से सिक्खो के नयेसाल की शुरुवात होती है। इस दिन सिक्ख पंथ के गुरु श्री गुरु गोविंद सिंघ ने सन 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। सभी से बैसाखी का त्यौहार मनाया जाता है। सिक्ख सामुदाय के लोगो के बीच बैसाखी का धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व है। इस त्यौहार को पंजाबी नववर्ष के शुरुवात का प्रतीक माना जाता है। यह सिक्ख समुदाय के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है।