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आशियाना बनाने के सपनों को लगे पंख, मुख्यमंत्री का आभार – आनंद पवार

छोटे भूखंडों के पंजीयन से आमजनों को राहत प्रदान किया भूपेश सरकार ने

धमतरी । प्रदेश में 5 डिसमिल से छोटे टुकड़े की रजिस्ट्री होने से आमजनों को काफी राहत मिली है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का जिले मे पालन होने से अभी तक उप पंजीयक कार्यालय मे प्राप्त जानकारी के अनुसार 5 डिसमिल से छोटे टुकड़े की लगभग हजारों जमीनों का पंजीयन किया जा चुका है। पूर्व मे सॉफ्टवेयर मे सुधार नही होने से काफी दिक्कत हो रही थी लेकिन जैसे ही सॉफ्टवेयर में सुधार हुआ वैसे ही हर जिले मं 5 डिसमिल से छोटे टुकड़े का भूमि पंजीयन प्रारम्भ हो गया है। बता दें कि चार साल बाद 2019में आए इस फैसले से छोटे भूखंड स्वामियों को बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में पांच डिसमिल से कम जमीन की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक को हटाने का वादा किया था। नई सरकार बनते ही 29 दिसंबर को इसकी घोषणा की गई थी। अब जिला कार्यालयों में इसके आदेश के तहत आम मध्यम वर्गीय भी ज़मीन की खरीदी बिक्री कर अपने सपने पूरे कर रहें हैं। इसके पहले पूर्व रमन सरकार ने जून 2014 में 5 डिसमिल से कम जमीन की खरीदी व बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसके पीछे सरकार ने यह दलील दी थी कि इसकी वजह से सीमांकन, बटांकन नहीं हो पाता था और छोटी जमीन की पहचान नहीं हो पाती थी। इस वजह से छोटे भूस्वामी अपनी संपत्ति बेच नहीं पा रहे थे। अब शासन के नए निर्देश से राजस्व बढते जा रही है। उप पंजीयक कार्यालय में छोटे भूखंड स्वामियों को भी ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा।
खसरा नंबर के नक्शा में अंकन की अनिवार्यता समाप्त
पटवारी के पास उपलब्ध कैडस्ट्रेल नक्शा और उसके भू-नक्शा सॉफ्टवेयर में सभी खसरा नंबर का बटांकन नहीं होने व इन खसरा नंबरों को भू-नक्शे में अंकन करने में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए कुछ निर्देश दिए गए हैं। इनमें पूर्व में छोटे भूखंडों का पंजीयन होने और नक्शे में अंकन किए बिना खसरे में भूमि स्वामी का नाम दर्ज किया गया है। ऐसे खसरा नंबरों का बिना विस्तृत सर्वेक्षण व गहन जांच के नक्शे में अंकन संभव नहीं होने के तथ्य को देखते हुए यदि कोई भूस्वामी किसी खसरा नंबर के धारित सभी भूमि को अंतरित करना चाहता है, तो पंजीयन के लिए उस खसरा नंबर के नक्शे में अंकन की अनिवार्यता को आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गई है। यदि ले-आउट के आधार पर किसी भूमि स्वामी द्वारा किसी भूखंड का विक्रय किया जाता है, तो ले-आउट को पंजीयन का आवश्यक अंग मानते हुए बिना नक्शा बटांकन की पंजीयन की कार्यवाही होगी।

 

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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