सड़क बनी सुगम, मुख्य मार्ग में बढ़ी वाहनों की रफ्तार
अधिकतम गति सीमा है 20 किमी प्रति घंटा, 50-60 किमी की स्पीड से दौड़ रही वाहने
दुपहिया से लेकर भारी वाहनों तक की बढ़ी गति, दुर्घटना की आंशका
धमतरी। शहर के भीतर से गुजरा मुख्य मार्ग नया बन चुका है। जर्जर सड़कों से राहत मिल चुकी है। इसलिए अब सड़कों पर वाहनों की स्पीड काफी बढ़ गई है। जो कि दुर्घटना का कारण बन सकती है। बता दे कि श्यामतराई से सम्बलपुर तक लगभग 9 किमी की सड़क का निर्माण 16.82 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। निर्माण कार्य अंतिम दौर में है। इससे जर्जर सड़क समतल, सुगम बन चुका है। आवागमन में वाहन चालकों को काफी सुविधा हो रही है। इसका गलत लाभ भी उठाया जा रहा है। वाहनों की स्पीड पहले से कंही ज्यादा बढ़ गई है। उक्त मार्ग पर अधिकतम गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा है। जिस पर 50-60 किमी की स्पीड से वाहने दौड़ रही है। दुपहिया से लेकर ई-रिक्शा, आटो, कार, मालवाहके व यात्री बसें भी फर्राटे से दौड़ रही है। वाहनों की स्पीड बढऩे से दुर्घटना की आंशका बढ़ गई है। चूंकि बायपास मार्ग खुल चुका है। ज्यादातर भारी वाहने शहर के बाहर से ही गुजर रही है। इसलिए शहर के भीतर मुख्य मार्ग पर यातायात का दबाव कम हुआ है। इस कारण भी वाहनों की स्पीड इस मार्ग पर बढ़ी है।
पूर्व में यातायात डीएसपी ने दी थी समझाईश
वाहनों की बढ़ी स्पीड के खतरे को देखते हुए पूर्व में यातायात डीएसपी मणीशंकर चन्द्रा द्वारा बस स्टैण्ड में जाकर चालकों परिचालकों को शहर सीमा के भीतर निर्धारित गति सीमा का पालन करते हुए बसे चलाने की समझाईश दी थी। लेकिन कोई खास असर नहीं हुआ। बसों के साथ अन्य वाहनों की गति भी सीमा से कंही ज्यादा रहती है। वाहनों की गति ज्यादा रहने के कारण दुर्घटना की आंशका को देखते हुए पुन: इस ओर प्रयास की आवश्यकता महसूस हो रही है।
सड़क की ऊंचाई बढऩे से ब्रेकर हुआ छोटा
कई परतों में नई सड़क का निर्माण हो रहा है। जिसके चलते सड़क के बीच बने रोड डिवायडर की ऊंचाई कम हो गई है। ऊंचाई कम होने से लोग व मवेशी आसानी से डिवायडर क्रास कर एक से दूसरी ओर जा रहे है। वहीं दूसरी तरफ वाहनों की बढ़ी हुई स्पीड के कारण डियावडर क्रास कर सामने आने के कारण दुर्घटना का खतर बढ़ा है। इसलिए स्पीड नियंत्रण के साथ ही डिवायडर की ऊंचाई बढ़ाना भी आवश्यक हो गया है।