निगम की एक चौपाटी बंद दूसरी सुविधा, सुरक्षा के आभाव में तोड़ रही दम
पानी, बिजली, स्वच्छता, कैमरे आदि सुविधाओं से अब तक वंचित है व्यवसायी
गुरुद्वारा गली से मकई तालाब किनारे शिफ्ट होने व्यापार हुआ कम, हो रहा नुकसान
धमतरी । नगर निगम द्वारा शहर वासियों को सुविधायुक्त सुरक्षित चौपाटी देने का प्रयास किया गया, लेकिन यह सफल साबित नहीं हो पाया जिससे फूटकर व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका व्यवसाय प्रभावित हो गया है ऐसे में निगम से या तो सुविधा सुरक्षा प्रदान करने की या फिर पुन: पुराने स्थान पर व्यवसाय करने की अनुमति प्रदान करने की मांग हो रही है। ज्ञात हो कि सालों से बालक चौक के पास शनि मंदिर के सामने गुरुद्वारा गली में कई ठेला व्यवसायी विभिन्न प्रकार के खाद्य सामाग्रियों का ठेला लगाकर अपना परिवार चलाते थे। यहां शाम को माहौल अच्छा खासा बन जाता था जिससे धीरे-धीरे यह अघोषित चौपाटी की तरह हो गया। जिसके बाद यहां यातायात जाम की समस्या व जगह की कमी होने लगी इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नगर निगम द्वारा व्यापारियों को भरोसे में लेकर उन्हें मकई तालाब किनारे शिफ्ट किया गया इस दौरान उन्हें गुमटी, पानी, सुरक्षा, कैमरा बिजली स्वच्छता आदि प्रदान करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक निगम व्यवसायियों को सुविधा व सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम रही है। व्यापारियों की माने तो यहां शाम ढलते ही कई अराजक तत्व जमा हो जाते है। जो ज्यादातर गांजा, गोली व शराब के नशे में धुत्त रहते है। कई बार वे ग्राहकों व व्यापारियों के साथ मारपीट कर चुके है। मामला थाना तक भी पहुंच चुका है। बाउजूद इसके यहां कैमरे नहीं लगाया गया है। पुलिस भी कभी कभार चारकदम पैदल चल कर लौट जाती है। वहीं सुविधाओं के लिए आज भी व्यवसायियों को मुह ताकना पड़ रहा है। व्यवसायियों ने बताया कि यहां शिफ्ट होने से उनका व्यापार काफी कम हो गया है। नुकसान उठाना पड़ रहा है। निगम द्वारा उनकी परेशानियां को दूर करने ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
रमसगरी तालाब के पास चौपाटी खुलते ही हुई बंद
बता दे कि रमसगरी तालाब के पास भी निगम द्वारा तामझाम से दूसरा चौपाटी खोला गया था यहां समझा कर मना कर कुछ ठेला व्यवसायियों से दुकान लगवाया गया। लेकिन जितनी तेजी से निगम ने दूसरी चौपाटी खोली उससे कंही ज्यादा तेजी से चौपाटी बंद हो गई। एक तो पहले से ही कुछ ठेला यहां लगता थे। उसमें भी व्यवसायी ग्राहकों के इंतजार में बैठे रहते थे। ऐसे में कुछ दिनों में ही यहां चौपाटी फ्लाप हो गई और ठेला लगना बंद हो गया। चौपाटी की योजना चौपट हो गई। शायद इसलिए ही निगम द्वारा अपनी तीसरी चौपाटी जो कि सिटी पार्क के पास खोलना चाह रही थी। वह भी ठण्डे बस्ते में चला गया।