शिवमहापुराण कथा पंडाल में एक रात अवश्य रूकना चाहिए : पं. प्रदीप मिश्रा
गौरी शंकर शिवमहापुराण कथा का हुआ समापन, उमड़ा भक्तों का सैलाब
मृत्यु लोक में जन्म लेने वाला कोई भी अनाथ नहीं होता
कुरूद। कुरूद में आयोजित शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन भक्तों का सैलाब उमड़ा। कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि यदि आपके ऊपर शिवजी की कृपा नहीं होती तो आप यहां नहीं होते। उन्होंने कहा कि पार्वती जी स्वयं भगवान शंकर से प्रार्थना करती हैं और कहती है कि मान लो किसी कारणवश किसी बच्चे की माता प्राण छोड़कर चली जाए, किसी बच्चे के पिता प्राण छोड़कर चले जाए और उसका कोई नहीं है तो उसका भरण पोषण करने वाला कौन होगा, कौन संभालेगा उन्हें? कुछ क्षण के लिए भगवान मौन हो गए फिर पार्वती से कहा चलो मैं तुम्हें कैलाश से आगे काशी की यात्रा पर ले चलता हूं। शिव जी माता पार्वती को काशी की यात्रा कराते हैं जहां उन्होंने देखा कि पार्वती के रूप में पार्वती शंकर के साथ नहीं है। शंकर जी के साथ पार्वती जी नहीं अन्नपूर्णा माताजी बैठी थी। पूरे भारत के भूमि में एक स्थान ऐसा है जहां भगवान शंकर के साथ पार्वती नहीं अन्नपूर्णा माता विराजमान है। वह भूमि काशी की भूमि है। उन्होंने बताया कि भगवान शंकर माता पार्वती से कहते हैं यह काशी है। यहां लोग मुझे विश्वनाथ कहते हैं। भगवान कथा सुनने से 71 जन्म तक विधवा नहीं रहती नारी। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि यह विश्वनाथ है जहां पार्वती पार्वती के रूप में नहीं अन्नपूर्णा के रूप में बैठी है। अन्नपूर्णा का मतलब है संसार में मनुष्य भूखा उठता अवश्य है लेकिन यहां कोई मनुष्य भूखा नहीं सोता।
शंकर कहते हैं कि यहां जन्म लेने वाले हर प्राणी, पशु-पक्षी मेरी मर्जी से जन्म लेते हैं। वह मेरे बल पर हैं। यहां लोग मुझे विश्वनाथ कहते हैं, विश्वनाथ का मतलब है विश्व में जन्म लेने वाला कोई भी अनाथ नहीं हो सकता। शिव महापुराण की कथा कहती है कि भगवान शंकर की जितनी हम भक्ति करते जाते हैं उतने कृष्ण और राम की भक्ति हमें प्राप्त होती है। उन्होंने आगे कहा कि बहुत खुशी का समय है तो मदिरा मत पियो, शिव को. याद करो। दुख की घड़ी में महादेव के चरणों में जाओ आपकी समस्या का हल होगा। काशी विश्वनाथ में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोता है। ृकाशी में दीपावली के दूसरे दिन मां अन्नपूर्णा का खजाना खुला रहता है। वैसे ही सीहोर में भी कुबरेश्वर धाम है वहां भी खजाना खुला रहता है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शंकर कहते हैं मृत्यु लोक में जन्म लेने वाला कोई भी अनाथ नहीं है।
पंडित मिश्रा ने कहा कि जिस प्रकार से फ्रिज में रखने पर फल, दूध, दही, खीर आदि वस्तुएं सड़ती नहीं हैं। उसी प्रकार शिव महापुराण का पंडाल भी एक फ्रिज है यहां बैठने वाला व्यक्ति के सिर पर भगवान शंकर का हाथ होता है। उन्होंने कहा कि आप एक रात्रि शिव महापुराण के पंडाल में दरी लगाकर सो कर देखो उसका आनंद क्या होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में बहुत सारे नियम है लेकिन शिव महापुराण की कथा में कोई नियम नहीं है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि शिव महापुराण की कथा कहती है कि यदि नारी का पति चला गया हो, अगर वह विधवा हो गई हो और भूल कर भी शिव महापुराण की कथा सुन लेती है तो वह 71 जन्म तक कभी विधवा नहीं रहती, अखंड सौभाग्यवती रहकर जाती है। कार्यक्रम के समापन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि धर्म की नगरी कुरूद में धर्म, आस्था और भक्ति से 7 दिन तक शिव महापुराण कथा श्रवण किया।
उन्होंने कहा काशी में सोमनाथ में ओंकारेश्वर में एक रात अवश्य रुकना चाहिए। यदि आप 12 ज्योतिर्लिंग में एक रात नहीं रूक सकते तो शिव महापुराण की कथा के पंडाल में एक रात अवश्य रुकना चाहिए। इसीलिए हम कथा के अंतिम दिवस के पहले रात्रि को शिवरात्रि कहते हैं और उसे शिवरात्रि पर एक रात्रि को रहकर आप शंकर को प्राप्त करने का प्रयास करके देखिए।
विधायक अजय चन्द्राकर ने जताया आभार
कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने श्रीधर परिवार द्वारा सात दिवसीय शिव महापुराण कथा में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले नगर के लोगों का आभार व्यक्त किया। प्रतिभा चंद्राकर, कमला देवी शर्मा, प्रकाश शर्मा, उर्मिला, रतन शर्मा, उमा, अश्विनी शर्मा भाटापारा सहित नगर के श्रद्धालु उपस्थित होकर शिव महापुराण कथा का श्रवण किया।
प्रदीप मिश्रा से मुख्यमंत्री, विधायक अजय चन्द्राकर सहित शिवभक्तों ने लिया आशीर्वाद
भानु चन्द्राकर ने कथा को सफल बनाने सहयोग प्रदान करने वाले शिवभक्तों का जताया आभार
कुरूद में आयोजित गौरी शंकर शिव महापुराण में पं. प्रदीप मिश्रा के मुखारविंद से कथा सुनाई गई। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया। कथा के अंतिम दिन पं. प्रदीप मिश्रा से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उनकी पत्नी कौशल्या देवी साय, केबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा, आयोजक श्रीधर शर्मा परिवार, संरक्षक अजय चन्द्राकर, भानु चन्द्राकर सहित अनेक शिवभक्तों ने आशीर्वाद लिया। शिवमहापुराण कथा के दौरान सेवा में लगे प्रशासन के प्रत्येक कर्मचारी, अधिकारी, कुरूद क्षेत्र के बोल बम सेवा समिति के सदस्यों सहित समस्त संघ, संगठन, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सेवा प्रदान करने वाले शिवभक्तों का भानु चन्द्राकर, अध्यक्ष बोल बम सेवा समिति, ज्योति चन्द्राकर पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत कुरूद ने आभार जताया है।