धमतरी। शिक्षा विभाग द्वारा नवीन जिला ग्रंथालय रत्नाबांधा रोड में संचालित है। आकर्षक बिल्डिंग में हजारों पुस्तकों की व्यवस्था की गई साथ ही लगभग एक साथ 200 लोगों की बैठने की व्यवस्था भी की गई लेकिन गिनती के पाठक ही ग्रंथालय में पहुंच रहे है। ऐसे में स्पष्ट है कि इंटरनेट के जमाने में पुस्तक पाठन की रूचि घटती जा रही है। नवीन जिला ग्रंथालय से मिली जानकारी के अनुसार रोजाना ग्रंथालय में गिनती के पाठक ही पहुंच रहे है। ऐसे में पाठकों की संख्या साल दर साल घटती जा रही है। नवीन जिला ग्रंथालय में 12 हजार से अधिक किताबों की व्यवस्था की गई है जिनमें ज्ञानवर्धक किताबों के साथ ही विषय विशेष जैसे अंग्रेजी, हिन्दी, गणित, सामाजिक विज्ञान, नागरिक शास्त्र, प्रतियोगी परीक्षा संबंधित पुस्तकें, कहानी, उपन्यास, नाटक, जीवनी, विज्ञान,शोध , नोबल पुरस्कार, डिशनरी के साथ ही समाचार पत्र भी उपलब्ध रहते है। लेकिन किताबों की संख्या की तुलना में पाठक कम ही पहुंचते है।
पाठकों ने ली मेंबरशीप
गं्रथालय में स्थायी मेंबरशीप की सुविधा भी है। पुस्तक पाठन के घटते रुचि के बाद कुछ लोग ऐसे भी जिन्हें निरंतर पुस्तकें पडऩा भाता। इसलिए वे ग्रंथालय की स्थायी मेंबरशीप ली है। लेकिन स्थायी मेंबर भी कभी-कभी ग्रंथालय में नजर आते है। वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी रोजाना पुस्तकालय में पहुंचकर अध्ययन करते है। पुस्तकालय का शांत वातावरण उनकी एकाग्रता व शिक्षा बढ़ाने में मद्द करती है।
आनलाईन स्टडी पर फोकस
इंटरनेट व एंड्रायड स्मार्टफोन के जमाने में लोग ज्यादातर खबरे व परीक्षा की तैयारी आनलाईन करने लगे है। मोबाईल व कम्प्यूटर पर सभी जानकारियां आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इसलिए पुस्तकालय में पाठकों की संख्या कम रहती है। लेकिन एक ऐसा वर्ग भी है जो कि आज भी किताबों से अध्ययन को सटीक व बेहतर मानते है। और इसके लिए पुस्तकालय के शांत वातावरण को बेहतर बताते है।