जरुरतमंदो को भटकते देख व लोगो की जान बचाने की उद्देश्य से शहर के युवा कर रहे सालों से रक्तदान
रक्तदान के प्रति लोगो को जागरुक करने दशकों से नि:स्वार्थ भाव से जुटे है समाजसेवी
धमतरी। आज विश्व रक्तदान दिवस पर कई जगह रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। शिविर का उद्देश्य जरुरतमंदो को रक्त उपलब्ध कराना है। इस उद्देश्य को पूरा करने शहर के कुछ ऐसे भी जागरुक नागरिक है जो 10 से 30 साल पहले से ही रक्तदान कर दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे है। उनके इन्ही प्रयासों के चलते आज लोगो में रक्तदान के प्रति जागरुकता बढ़ रही है। पहले की तरह लोगों को रक्त के लिए परेशान होना नहीं पड़ता। समाजसेवी हेमराज सोनी, शिवा प्रधान, गगन कुम्भकार सहित अन्य युवाओं ने चर्चा के दौरान बताया कि सालों पहले रक्त के लिए परिजनों को भटकते हुए देखा है. रक्त की कमी के चलते कई बार मरीज की जान पर बन आती थी। ऐसे में उन्होने रक्तदान करने की ठानी और अनवरत रक्तदान कार्य को महादान के रुप में सार्थक कर रहे है। रक्तदाताओं ने बताया कि कई मौके ऐसे भी आए जब मरीज को रक्त की तत्काल आवश्यकता पड़, बाउजूद इसके परिजन स्वयं रक्तदान देने से घबराते थे। रक्तदान को लेकर उनमें कई तरह की भ्रांतियां थी। जिन्हें दूर करने लोगों को सालों से जागरुक कर रहे है।
ये जागरुक नागरिक भी रक्तदान कर करते है जरुरतमंदो की मद्द
बता दे कि शहर में कई ऐसे युवा है जो नियमित अंतराल में रक्तदान करते है। बिना किसी प्रचार-प्रसार के रक्तदान को अपना कर्तव्य मानकर निभाते है। इनमें दिनेश पटवा, सुनील साहेब, योगेश गुप्ता, आशीष साहेब, पप्पु साहू, मोहन रजक, बबलु रजक, प्रेम साहू, मोनू साहू, मोन्टू कुम्भकार, खेमराज कुम्भकार, हरीश कुम्भकार, विनय कुम्भकार, छबिलाल प्रजापति, सत्यनारायण कुम्भकार, कृष्णकांत कुम्भकार, आकाश कुम्भकार , ईश्वर कुम्भकार सहित अनेक रक्तदाता शामिल है।
रक्तदान व जागरुकता हेतु हेमराज सोनी हो चुके है राज्यपाल से सम्मानित
चर्चा के दौरान समाजसेवी हेमराज सोनी ने बताया कि सन् 1993 में वे कॉलेज स्टूडेंट लीडर थे उस दौरान रक्तदान को लेकर लोग घबराते थे। ऐसे में न सिर्फ स्वयं रक्तदान किया बल्कि कॉलेज के 500-600 छात्रो को भी रक्तदान कराने जागरुक कर इस अभियान में शामिल किया। रक्तदाताओं की जानकारी हेतु रजिस्ट्रर भी मेंटेन करते रहे। अब तक वे 61 बार रक्तदान कर चुके है। श्री सोनी ने बताया कि वे शुरु से आरएसएस शाखा से जुड़े है। जहां सेवा सहयोग की सीख दी जाती है। साथ ही जरुरतमंतो को रक्त के लिए भटकते देख रक्तदान की प्रेरणा मिली। साल 2014 में तत्कालीन राज्यपाल शेखर दत्त द्वारा उन्हें रक्तदान व रक्तदान के प्रति जागरुकता के लिए सम्मानित भी किया गया है।
10 से स्वयं रक्तदान कर लोगों को जागरुक कर रहे शिवा प्रधान
समाजसेवी शिवा प्रधान ने बताया कि 2001 में ड्रायविंग लाईसेंस बनवाने के लिए ब्लड ग्रुप जानने जांच कराया। इसके उपरांत उन्हें ब्लड ग्रुप व रक्तदान की जानकारी मिली। रक्त के प्रति लोगों को भटकते देख रक्तदान की प्रेरणा मिली। फिर उन्होने रक्तदान प्रारंभ किया। कुछ सालों बाद रक्तदान ग्रुप से जुड़े और ग्रुप के सेवा भावी कार्यो से प्रभावित होकर लगातार रक्तदान करते आ रहे है अब तक उन्होने 35 बार रक्तदान किया है। रक्तदान ग्रुप के साथ मिलकर 50 से अधिक जागरुकता कैंप भी लगाये है और हजारों युवाओं को रक्तदान के प्रति जागरुक किया है। रक्तदान से आत्मीय शांति मिलती है।
समाजिक ग्रुप बनाकर रक्तदान कराकर कर गगन कुम्भकार रहे है जरुरतमंदो की मद्द
युवा समाजसेवी गगन कुम्भकार ने बताया कि ऐसे कई मौके आए है जब परिचितो व आसपास के लोगो को रक्त नही मिलने से कई तरह की परेशानियां होती थी। रक्त के लिए यहां वहां भटकते हुए लोगो को देखा है इसके बाद उन्होंने स्वयं रक्तदान कर दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करना प्रारंभ किया। अब तक वे 65 बार स्वयं रक्तदान कर चुके है। इसके अतिरिक्त अमर शहीद मींधु कुम्हार के नाम से समाजिक रक्तदान ग्रुप बनाया जिसमें समाज के युवाओं को जोड़ा। इस ग्रुप के माध्यम से जरुरमंतो को रक्तदान कर उनकी मद्द की जाती है।