जिला अस्पताल में हर महीने 250 से अधिक बच्चों की हो रही डिलीवरी, पदस्थ सिर्फ एक स्त्री रोग विशेषज्ञ पर बढ़ा काम का दबाव
150 से अधिक नार्मल व 100 से अधिक होते है सिजेरियन केस, 24 घंटे देनी पड़ रही सेवायें
निश्चेतना विशेषज्ञ की भी है कमी सर्जिकल कार्यो में होती है महत्वपूर्ण भूमिका
धमतरी. धमतरी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार तो हो रहा है। लेकिन इसका पूरी तरह लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है। इसका मुख्य कारण डाक्टरों की कमी है। जिला अस्पताल में कुछ दिन पूर्व ही दो डाक्टरों जिनमें सर्जन व नेत्र रोग विशेषज्ञ है, ने इस्तीफा दे दिया जिससे व्यवस्था और चरमरा रही है। इसी प्रकार जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी काफी समय से खल रही है। वर्तमान में जिस प्रकार मरीज अस्पताल में आ रहे है। इसके हिसाब से यहां कम से कम तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान में मात्र 1 स्त्री रोग विशेषज्ञ ही कार्यरत है। बता दे कि जिला अस्पताल में डिलीवरी मरीज ज्यादा आते है निजी अस्पतालों में जहां नार्मल डिलीवरी का 10 से 20 हजार और सिजेरियन डिलीवरी का 30 से 50 हजार का फीस देना पड़ता है। इसलिए गरीब व मध्यम वर्गीय मरीज जिला अस्पताल में पहुंचते है। पिछले काफी समय से जिला अस्पताल में औसतन प्रतिमाह 250 से अधिक डिलीवरी केस आ रहे है। जिनमें 150 से अधिक नार्मल व 100 से अधिक सिजेरियन वाले मरीज होते है। इतने ज्यादा मरीज होने के कारण पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ पर काम का दबाव काफी बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त ओपीडी सेवायें अन्य भर्ती मरीजों का उपचार भी करना पड़ता है। सूत्रो की माने तो सिजेरियन मरीज की स्थिति को देखते हुए अलसुबह, देर रात को भी डाक्टर को अस्पताल आकर उपचार करना पड़ता है। ऐसे में कम से कम दो और स्त्री रोग विशेषज्ञ मिल जाये तो जिला अस्पताल के डाक्टर के साथ ही मरीजों को भी काफी राहत मिल पायेगी।
इसी प्रकार निश्चेतना विशेषज्ञ की कमी से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था जूझ रही है। किसी प्रकार के सर्जरी के पूर्व निश्चेतना विशेषज्ञ की आवश्यकता पड़ती है। विशेषज्ञ द्वारा पूरे शरीर की जांच कर बेहोशी या सुन्न करने का इंजेक्शन दिया जाता है। इसके बाद ही सर्जरी संभव हो पाती है। यह स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता वाला कार्य है। इसके बिना आपरेशन नहीं हो पाता है। इसलिए निजी निश्चतेना विशेषज्ञ की भी मद्द लेनी पड़ती है। इसलिए निश्चेतना विशेषज्ञ की आवश्यकता है। उक्त डाक्टरों की पदस्थापना की मांग की गई है। देखना होगा कि कब तक पदस्थ हो पाते है?
निजी सेटरों में कराना पड़ रहा है सोनोग्राफी व सिटी स्कैन
जिला अस्पताल में अन्य सेवायें भी प्रभावित हो रही है। सोनोग्राफी, सिटी स्कैन करने वाले रेडियोलाजिस्ट छुट्टी पर है। पहले से ही रेडियोलॉजिस्ट की कमी है। इससे यह कार्य प्रभावित हो गया है। अब गंभीर मरीज जिन्हें तत्काल रिपोर्ट की आवश्यकता है उन्हें बाहर के निजी सेंटरों से उक्त जांच करना पड़ रहा है। बता दे कि जिला अस्पताल में ज्यादातर गरीब तबके के मरीज उपचार कराने पहुंचते है ऐसे में बाहर से मंहगी जांच कराने में उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है।
”जिला अस्पताल में पदस्थ एक स्त्री रोग विशेषज्ञ पर काम का ज्यादा दबाव है दो और स्त्री रोग विशेषज्ञ की मांग की गई है। हर महीने औसतन 250 डिलीवरी मरीज होते है। निश्चेतना विशेषज्ञ की भी मांग की गई है। ÓÓ
डॉ एसके मंडल
सीएचएमओ जिला-धमतरी